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भई वाह! अमन पसंद मुल्‍क है पाकिस्‍तान, फिर भी खास दोस्‍तों को गिफ्ट में देता है असाल्‍ट राइफल

पाकिस्‍तान बेहद अमन पसंद मुल्‍क है। वह पूरे क्षेत्र में शांति का पक्षधर है और आतंकवाद का कट्टर विरोधी है। पाकिस्‍तान चाहता है कि अपने पड़ोसी से उसके दोस्‍ताना संबंध हों।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 24 Feb 2019 10:01 AM (IST)Updated: Mon, 25 Feb 2019 09:00 AM (IST)
भई वाह! अमन पसंद मुल्‍क है पाकिस्‍तान, फिर भी खास दोस्‍तों को गिफ्ट में देता है असाल्‍ट राइफल
भई वाह! अमन पसंद मुल्‍क है पाकिस्‍तान, फिर भी खास दोस्‍तों को गिफ्ट में देता है असाल्‍ट राइफल

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। 'पाकिस्‍तान बेहद अमन पसंद मुल्‍क है। वह पूरे क्षेत्र में शांति का पक्षधर है और आतंकवाद का कट्टर विरोधी है। पाकिस्‍तान चाहता है कि उसके अपने पड़ोसी देश खासतौर पर भारत के साथ उसके बेहद दोस्‍ताना संबंध हों और हर कोई खुशहाल हो।' आपको यह सब पढ़कर अजीब तो जरूर लग रहा होगा। दरअसल यह सब बातें शुक्रवार को पाकिस्‍तान आर्मी की तरफ से हुई उस प्रेस कांफ्रेंस में कही गई थीं। इस प्रेस कांफ्रेंस को मेजर जनरल गफूर ने संबोधित किया था और यह पूरी तरह से पुलवामा में हुए आतंकी हमले को सपर्पित थी। इसमें भारत को धमकाने के साथ-साथ कई दूसरी बातों का भी जिक्र किया गया था।

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हमनें मेजर जनरल गफूर के बयान को इसलिए यहां पर बताया है क्‍योंकि उनके बयानों में जिस तरह की तारीफ पाकिस्‍तान को लेकर की गई थी उसमें वह एक बड़ी खास चीज भूल गए। हालांकि जिसका जिक्र हम यहां पर करने जा रहे हैं उसका आंशिक जिक्र उन्‍होंने अपनी प्रेस कांफ्रेस में किया था। आपको याद होगा कि पिछले दिनों सऊदी अरब के प्रिंस क्राउन पाकिस्‍तान आए थे। उन्‍हें लेने के लिए खुद प्रधानमंत्री इमरान खान न सिर्फ एयरपोर्ट तक गए बल्कि उन्‍हें अपनी मर्सडीज कार से खुद ड्राइव कर लेकर भी आए। इस दौर पर पाकिस्‍तान की तरफ से उन्‍हें सबसे बड़े पुरस्‍कार निशान-ए-पाकिस्‍तान भी दिया गया। जाहिर तौर पर ये किसी के लिए भी बड़ा सम्‍मान होगा।

लेकिन इन सभी के बीच एक और खास बात हुई। वो खास बात ये थी कि जहां हर कोई अपने घर आने वालों का स्‍वागत फूल देकर करता है और उन्‍हें विदाई पर कुछ खास मिठाई आदि देता है, वहीं पाकिस्‍तान ने अपने इस खास मेहमान सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को सोने से बनी हुई असाल्‍ट राइफल दी। इतिहास में इस तरह की बातें कम ही देखने और सुनने को मिलती हैं। आपको यहां पर बता दें कि सिगार से लेकर फ्रेंच वाइन की बोतल तक राष्ट्रप्रमुखों को भेंट में दी जाने की कहानी बेहद आम है। कुछ समय पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चीन के राष्ट्रपति को रूस का परंपरागत बाथरूम भेंट में दिया था। लेकिन सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को दिए गए इस गिफ्ट ने सभी को हैरत में डाल दिया है। यह सब-मशीन गन पूरी दुनिया में H&K MP5 के नाम से जानी जाती है। इस बंदूक के साथ ही सोने की ही ढेर सारी गोलि‍यां भी दी गई हैं। आपको  बता दें कि 15 जनवरी को जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सऊदी अरब के दौरे पर गए थे, तो उन्हें भी वहां गर्वनर प्र‍िंस फहाद बिन सुल्तान बिन अब्दुल अजीज ने गोल्ड-प्लेटेड क्लाशनिकोव गन और सोने की गोलियां गिफ्ट की थी।

यहां पर यह सवाल लाजिमी तौर पर उठने वाला है कि भला कोई असाल्‍ट राइफल गिफ्ट देकर क्‍या जताना चाहता है। वहीं एक अमन पसंद मुल्‍क का बखान करने वाले देश के लिए तो यह बेहद शर्मनाक वाकया है। लेकिन दूसरे मायनों में यह पाकिस्‍तान की सोच और हकीकत को दर्शाता है। अमन पसंद मुल्‍क पाकिस्‍तान इन्‍ही तरह के हथियारों से न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया के कई देशों में आतंक को जारी रखता है और इसके लिए बाकायदा अपने यहां पर ट्रेनिंग देता आया है। पाकिस्‍तान के लिए यह कोई बड़ी बात इसलिए भी नहीं है क्‍योंकि यहां पर हथियारों की ग्रे मार्किट खुलेतौर पर पूरी दुनिया के सामने है। यहां पर ये बताना जरूरी नहीं होना चाहिए कि किसी भी तरह के हथियार सिर्फ खून बहाने के लिए इस्‍तेमाल किए जाते हैं न की अमन के लिए। लेकिन मेजर जनरल गफूर इस बात को भूल गए या फिर उनके लिए यह कोई बात ही नहीं थी।

आपको यहां पर बता दें कि तो राइफल क्राउन प्रिंस को दी गई है उसको हेकलर एंड कोच जर्मन इंजीनियर्स ने बनाया है। इस हथियार में सोने की प्लेट लगाकर इसे और मॉडिफाई किया गया है। इस एमपी5 सबमशीनगन को जर्मन कंपनी ने 1960 के दशक में विकसित किया था। जिस जर्मन कंपनी हेकलर एंड रोश ने इसे बनाया वो जर्मनी में छोटे हथियार बनाने की विशेषज्ञ कंपनी मानी जाती है। इसके सौ से ज्यादा वेरिएंट हैं। जिसमें कुछ सेमी ऑटोमेटिक वर्जन भी हैं। इसका इस्तेमाल 40 के ज्यादा देशों की सेना, पुलिस और खुफिया एजेंसियां करती हैं। पाकिस्तान ने जो गन सऊदी प्रिंस को दी है, वो कस्टमाइज गन है, जो खास ऑर्डर पर ही बनवाई जाती है। जर्मन कंपनी खास ऑर्डर पर कस्टमाइज एमपी5 सबमशीनगन भी बनाती है। इसके एक नहीं बल्कि कई हिस्सों में सोने की मोटी प्लेट का इस्तेमाल हुआ है। आमतौर पर कंपनी को ऐसे आर्डर कई महीने पहले दिए जाते हैं।

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