पाकिस्तान के खिलाफ बड़े एक्शन ले सकता है भारत, सरकार में हो रही गंभीर मंत्रणा
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी सुंजवां के बाद सोमवार को श्रीनगर में सीआरपीएफ कैंप पर आतंकी हमले की गंभीरता को देखते हुए हालत की समीक्षा के लिए मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों की बैठक बुलाई।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान ने आतंकी हमले के जरिये छद्म युद्ध का ताजा खेल बंद नहीं किया, तो उसे इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। घाटी में सुंजवां सैन्य बेस के बाद श्रीनगर में सीआरपीएफ कैंप पर सोमवार को हुए आतंकी हमले के मद्देनजर केंद्र सरकार पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को लेकर गंभीर मंथन कर रही है। इन आतंकी हमलों में जैशे मोहम्मद और लश्करे तोयबा के हाथ होने के पुख्ता सबूतों को देखते हुए कठोर जवाबी कार्रवाई के विकल्प पर सरकार गंभीर है। सुंजवां सैन्य बेस का जायजा लेने गई रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इसका साफ संकेत देते हुए कहा कि पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी होगी।
आतंकी हमलों के बाद सरकार के शीर्ष स्तर पर चल रहे बैठकों के दौर में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालातों की समीक्षा के साथ पाकिस्तान को सबक सिखाने के तौर-तरीकों पर गहन मंत्रणा हो रही है। इस जवाबी कार्रवाई के रुख को भांपते हुए ही पाकिस्तान ने भारत को किसी दूसरे सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर चेतावनी दी। रक्षा मंत्रालय, सेना मुख्यालय और गृहमंत्रालय में सीमा पर पाकिस्तान की नापाक हरकतों का माकूल जवाब देने की रणनीति पर सोमवार को बैठकों का दौर चला। इसमें सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ ही बैठक सबसे अहम रही।
सेना प्रमुख ने सुंजवां बेस पर आतंकी हमले के बाद आपरेशन खत्म होने से लेकर तमाम जानकारियों से रक्षा मंत्री को रुबरू कराया। सूत्रों के मुताबिक इसमें बेस में मारे गये आतंकियों से मिले साक्ष्यों को लेकर भी रक्षा मंत्री को रुबरू कराया गया। इसके बाद ही रक्षा मंत्री सुंजवां सैन्य बेस के हालात का जायजा लेने जम्मू रवाना हो गई। रक्षामंत्री ने जम्मू में ही पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकाने की चेतावनी देकर सरकार के संभावित इरादों को साफ संकेत दिया।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी सुंजवां के बाद सोमवार को श्रीनगर में सीआरपीएफ कैंप पर आतंकी हमले की गंभीरता को देखते हुए हालत की समीक्षा के लिए मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों की बैठक बुलाई। इस बैठक में खुफिया एजेंसी आइबी के निदेशक भी मौजूद थे। समझा जाता है कि बैठक में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की लगातार बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर पूरे सूबे में अधिकतम सुरक्षा अलर्ट को लेकर गृहमंत्री को विशेष प्रेजेंटेशन दिया गया। इसमें खासतौर पर सैन्य कैंपों और अर्द्धसैनिक बलों के कैंप की सुरक्षा का ब्योरा दिया गया। साथ ही सीमा पर आतंकी घुसपैठ कराने की पाकिस्तानी साजिशों को नाकाम करने की बीएसएफ और सेना की चौकसी की भी समीक्षा की गई। इसमें सीमा पर आतंकी घुसपैठ रोकने से लेकर पाकिस्तान के सीज फायर उल्लंघन के खिलाफ धुंआधार कार्रवाई में कोई रियायत नहीं बरते जाने की बात हुई।
सूत्रों के अनुसार सेना, गृह मंत्रालय और जम्मू-कश्मीर पुलिस के आला अधिकारियों के बीच भी पूरे सूबे में आतंकियों के खिलाफ आपरेशन को तेज करने की रणनीति पर मंत्रणा का दौर चल रहा है।
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