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नागरिकता बिल के विरोध में जारी असम हिंसा से बदल सकती है मोदी-शिंजो बैठक की जगह

नागरिकता बिल के व‍िरोध में असम में जारी हिंसा को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं जापान के पीएम शिंजो आबे के बीच होनेवाली बैठक का स्‍थान बदला जा सकता है।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 09:27 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 01:19 AM (IST)
नागरिकता बिल के विरोध में जारी असम हिंसा से बदल सकती है मोदी-शिंजो बैठक की जगह
नागरिकता बिल के विरोध में जारी असम हिंसा से बदल सकती है मोदी-शिंजो बैठक की जगह

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। असम में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों और अशांति को देखते भारत व जापान के बीच होने वाली सालाना शीर्षस्तरीय बैठक की जगह में बदलाव किया जा सकता है। वैसे विदेश मंत्रालय की तरफ से कोई घोषणा नहीं की गई थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री एबी शिंजो के बीच होने वाली सालाना बैठक के लिए गुवाहाटी का चयन किया गया था। लेकिन असम में आंदोलन को देखते हुए बैठक के स्थल पर विचार किया जा रहा है। इस बारे में दोनों देशों के अधिकारी संपर्क में हैं। भारत की तरफ से जापान को बताया गया है कि बैठक अभी भी गुवाहाटी में करवाई जा सकती है लेकिन अगर जापान पक्ष चाहे तो उसे बदला भी जा सकता है। दोनों पक्षों के बीच भुवनेश्वर या नई दिल्ली दो ऐसे शहर हैं जहां मोदी-शिंजो की इस बैठक को आयोजित करवाने का विकल्प है।

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चीन को मजबूत संदेश देने की थी कोशिश  

मोदी और शिंजो के बीच यह बैठक 15 से 17 दिसंबर, 2019 के बीच होनी है। वैसे विदेश मंत्रालय की तरफ ले अभी तक गुवाहाटी में ही यह बैठक होगी, इसका खुलासा नहीं किया गया है। लेकिन गुवाहाटी से जो सूचनाएं आ रही हैं, वहां बैठक की पूरी तैयारी कर ली गई थी। सड़कों के दोनों तरफ मोदी और शिंजो के पोस्टर लगाने का काम भी हो रहा था। बुधवार को यह सूचना आई है कि वहां प्रदर्शनकारियों ने गुवाहाटी की सड़कों पर मोदी-शिंजो बैठक की तैयारियों से जुड़े पोस्टर आदि को भी आग के हवाले कर दिया। गुवाहाटी में इस बैठक को आयोजित करने का अपना कूटनीतिक संदेश था। माना जा रहा था कि पड़ोसी देश चीन को एक मजबूत संकेत देने के लिए भारत और जापान के बीच गुवाहाटी का चयन किया गया था। हाल के वर्षो में भारत और जापान के बीच रिश्ते बहुत तेजी से प्रगाढ़ हुए हैं। इसके पीछे एक वजह यह भी है कि पिछले साढ़े पांच वर्षो से मोदी और शिंजो सरकार चला रहे हैं। इस साल की सालाना बैठक को रणनीतिक लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने की तैयारी है।


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