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92 साल के महातिर की मलेशियाइ सत्ता में वापसी, बने दुनिया के सबसे बुजुर्ग निर्वाचित PM

पूरे छह दशक बाद महातिर मोहम्मद ने मलेशिया की सत्ता में वापसी की है। अब वे देश के सातवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Thu, 10 May 2018 08:07 AM (IST)Updated: Thu, 10 May 2018 08:33 AM (IST)
92 साल के महातिर की मलेशियाइ सत्ता में वापसी, बने दुनिया के सबसे बुजुर्ग निर्वाचित PM
92 साल के महातिर की मलेशियाइ सत्ता में वापसी, बने दुनिया के सबसे बुजुर्ग निर्वाचित PM

कुआलालम्पुर, मलेशिया (एएनआइ)। मलेशिया चुनाव में 92 साल के बुजुर्ग ने वो कर दिखाया है, जिसकी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। पूर्व मलेशियाइ प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने मलेशिया के आम चुनावों में ऐतिहासिक जीत हासिल की है। पूरे 6 दशक बाद महातिर मोहम्मद ने सत्ता में वापसी की है। अब वे देश के सातवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे।

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60 साल पुराने किले को ढहाया

चुनाव आयोग ने बताया कि महातिर की पाकातान हारापन पार्टी ने चुनाव में 115 सीटों पर जीत हासिल की है, जो सरकार बनाने के लिए आवश्यक 112 सीटों की तय सीमा से अधिक है। 92 साल के महातिर ने बारिसन नेशनल (बीएन) गठबंधन को चुनावों में करारी शिकस्त दी है। बता दें कि ये पार्टी पिछले 60 सालों से सत्ता में बनी हुई थी।

जीत के बाद बोले महातिर

अपनी ऐतिहासिक जीत के बाद पत्रकारों से बात करते हुए महातिर ने कहा, 'हमें किसी तरह का बदला नहीं चाहिए, हम तो कानून का शासन लाना चाहते हैं।' उन्होंने उम्मीद जताई की शपथ ग्रहण समारोह आने वाले गुरुवार को आयोजित किया जाएगा। शपथ ग्रहण के साथ ही मताहिर दुनिया के सबसे बुजुर्ग निर्वाचित प्रधानमंत्री बन जाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह के चलते गुरुवार और शुक्रवार को देश मे सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है।

1957 से सत्ता में बारिसन नेशनल

बारिसन नेशनल और इसकी प्रमुख पार्टी, संयुक्त मलेशिया राष्ट्रीय संगठन (यूएमएनओ) 1957 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से सत्ता में थी। लेकिन बीते कुछ वर्षों में उसकी लोकप्रियता में भारी कमी देखने को मिली और उसी का परिणाम है कि इस बार आम चुनावों में पार्टी महज 79 सीटों पर सिमट गई।

रजाक के खिलाफ जमकर चलाया अभियान

बता दें कि इस बार महातिर ने मौजूदा प्रधानमंत्री नजीब रजाक के खिलाफ जमकर अभियान चलाया था और जिसका नतीजा उनकी ऐतिहासिक जीत रही। महातिर खुद भी एक समय में बारिसन नेशनल का अहम हिस्सा थे और उन्हें नजीब का राजनीतिक गुरु भी कहा जाता है। हालांकि बाद में उन्होंने बीएन से खुद को अलग कर लिया। उन्होंने कहा कि जो पार्टी भ्रष्टाचार का समर्थक करे, उसके साथ रहना अपमानजनक है। गौरतलब है कि देश में सभी 222 सीटों पर चुनाव हुए थे। 


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