Move to Jagran APP

भारत के साथ खुल कर खड़ा हुआ जापान, कहा- पाक के आतंकी संगठन क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

आतंकी संगठनों को पनाह देने के लिए दुनिया भर में कुख्यात पाकिस्तान को लेकर भारत व जापान के विदेश व रक्षा मंत्रियों के बीच हुई बैठक में अहम चर्चा हुई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 08:38 PM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 08:54 PM (IST)
भारत के साथ खुल कर खड़ा हुआ जापान, कहा- पाक के आतंकी संगठन क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
भारत के साथ खुल कर खड़ा हुआ जापान, कहा- पाक के आतंकी संगठन क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। भारत और जापान ने संयुक्त तौर पर पाकिस्तान को बेहद कड़ा संकेत दिया है। आतंकी संगठनों को पनाह देने के लिए दुनिया भर में कुख्यात पाकिस्तान को लेकर भारत व जापान के विदेश व रक्षा मंत्रियों के बीच हुई बैठक में अहम चर्चा हुई। 'टू प्लस टू' व्यवस्था के तहत हुई इस वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बताया गया है।

loksabha election banner

संयुक्त बैठक ने दिया कड़ा संदेश

जापान ने भारत के तर्ज पर ही पाकिस्तान को अपने यहां के आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस व स्थाई कदम उठाने को कहा है। यह पहला मौका है जब जापान ने भारत के साथ मिल कर पाकिस्तान को उसके यहां के आतंकी पनाहगारों के लिए सीधे तौर पर खरी खरी सुनाई है।

दोनो देशों की एक समान चिंताएं 

संयुक्त बयान से यह भी स्पष्ट है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर दोनो देशों की एक समान चिंताएं हैं। भारत व जापान ने इस क्षेत्र में सभी देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय कायदे कानून के मुताबिक हर तरह के नौकाओं और हवाई जहाजों के निर्बाध तरीके से आवागमन की सुविधा उपलब्ध होने का समर्थन किया है। इस बारे में अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने की भी बात कही है। कहने की जरुरत नहीं कि यहां निशाना इस क्षेत्र में तेजी से विस्तार करने में जुटे पाकिस्तान को बनाया गया है, लेकिन संयुक्त बयान में जो बात सबसे ज्यादा भारत की संवेदनाओं को छूता है वह आतंकवाद से जुड़ा हुआ है।

जापान पहले भी भारत का इस मुद्दे पर समर्थन करता रहा है, चाहे चीन के साथ भूटान सीमा पर स्थित डोकलाम विवाद हो या कश्मीर से धारा 370 हटाने का फैसला हो जापान ने कभी खुल कर तो कभी चुप रह कर भारत का समर्थन किया है। लेकिन शनिवार को जारी संयुक्त बयान भारत के पक्ष को समझने व उसका समर्थन करने की नई मिसाल देता है।

आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर चिंता जताई

संयुक्त बयान में दोनो देशों ने आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर चिंता जताई है और इसे विश्व शांति व स्थाई के लिए बड़ा खतरा बताया है। बैठक में शामिल मंत्रियों ने सभी देशों से आग्रह किया है कि वे अपने यहां बनाये गये आतंकियों की शरणस्थली को नष्ट करें। साथ ही सभी देशों से यह आग्रह भी किया गया है कि वे ये सुनिश्चित करें कि उनके यहां के आतंकी संगठन किसी दूसरे देश में आतंकी हमले नहीं करें। इसी संदर्भ में पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा गया है कि उसके यहां से संचालित आतंकी संगठन क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।

भारत व जापान के बीच पहली 'टू प्लस टू' वार्ता

बताते चलें कि टू प्लस टू वार्ता के दो हफ्ते बाद ही पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम शिंजो के बीच सालाना शिखर बैठक होनी है। यह संभवत: असम की राजधानी गुवाहाटी में होगी। इन दोनो नेताओं के पिछले वर्ष हुई बैठक में ही विदेश व रक्षा मंत्रियों की सालाना बैठक टू प्लस टू व्यवस्था के तहत कराने पर सहमति बनी थी। शनिवार को इसकी पहली बैठक यहां हुई है। इस तरह की व्यवस्था भारत अभी तक सिर्फ अमेरिका के साथ करता है।

जापान के विदेश मंत्री मोटेगी तोशीमित्सु और रक्षा मंत्री कोनो तारो शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे थे। बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह थे। टू प्लस टू बैठक से पहले जापान के दोनो मंत्री पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करने गये। पहले दोनो देशों के विदेश मंत्रियों और रक्षा मंत्रियों की अलग अलग बैठक हुई और उसके बाद संयुक्त तौर पर बैठक हुई। टू प्लस टू वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान से स्पष्ट है कि दोनो देश सामरिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से एक दूसरे के लिए कितने अहम होने जा रहे हैं। बयान में कहा भी गया है कि अब द्विपक्षीय रक्षा व सुरक्षा से जुड़े रणनीतिक संबंधों को और गहरा बनाने का काम तेजी से होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.