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अमेरिकी रोक के बाद भी ईरान से कच्चा तेल आयात करेगा भारत, जाहिर किया स्‍पष्‍ट रूख

सरकारी तेल कंपनियों ने ईरान से 12.5 लाख टन कच्चा तेल आयात करने के लिए अनुबंध किए हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 05 Oct 2018 10:40 PM (IST)Updated: Fri, 05 Oct 2018 11:55 PM (IST)
अमेरिकी रोक के बाद भी ईरान से कच्चा तेल आयात करेगा भारत, जाहिर किया स्‍पष्‍ट रूख
अमेरिकी रोक के बाद भी ईरान से कच्चा तेल आयात करेगा भारत, जाहिर किया स्‍पष्‍ट रूख

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद ईरान से व्यापार जारी रखने की मंशा पहली बार स्पष्ट रूप से जाहिर की है। सरकारी तेल कंपनियों ने ईरान से 12.5 लाख टन कच्चा तेल आयात करने के लिए अनुबंध किए हैं। इसके लिए भुगतान अमेरिकी डॉलर के बजाय रुपये में करने की तैयारी की जा रही है।

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शीर्ष उद्योग सूत्रों ने कहा कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और मैंगलौर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स ने 12.5 लाख टन ईरानी तेल आयात करने के लिए अनुबंध किए हैं। यह तेल नवंबर में आयात किया जाएगा जब ईरान के तेल क्षेत्र पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू हो जाएंगे।

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भारत ईरान से तेल का आयात जारी रखना चाहता है हालांकि वह मात्रा घटा सकता है। लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने पिछले महीने कहा था कि अमेरिका प्रतिबंध से छूट दे सकता है। लेकिन इस तरह की किसी भी छूट की समय सीमा होगी।

सूत्रों ने कहा कि आइओसी ईरान से सामान्य मासिक मात्रा में तेल का आयात कर रही है। उसने चालू वित्त वर्ष 2018-19 में 90 लाख टन कच्चा तेल ईरान से आयात करने की योजना बनाई है। ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध चार नवंबर से लागू हो जाएंगे। इसके बाद उसे भुगतान करने से सभी चैनल बंद हो जाएंगे। सूत्रों के अनुसार इस समस्या को सुलझाने के लिए भारत और ईरान रुपये में व्यापार करने पर विचार कर रहे हैं।

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ईरान को हैंडीक्राफ्ट निर्यात करने में दिक्कतें 
नई दिल्ली। एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट (ईपीसीएच) ने वाणिज्य सचिव अनूप वाधवा के साथ मुलाकात में निर्यातकों को ईरानी खरीदारों के साथ व्यापार में आ रही दिक्कतों के बारे में बताया और समस्याएं दूर करने के लिए उपाय करने की मांग की। ईपीसीएच के वाइस चेयरमैन आरके पस्सी और एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर राकेश कुमार ने बैठक में बताया कि अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते ईरान को निर्यात करने में दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि निर्यातक ड्यूटी ड्रॉबैंक और जीएसटी रिफंड का क्लेम नहीं कर पा रहे हैं।


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