अंतरिक्ष में मानव स्पेसक्रॉफ्ट भेजने की योजना 'गगनयान' के लिए भारत रूस ने मिलाये हाथ
भारत और रूस के बीच शुक्रवार को मानव स्पेसक्रॉफ्ट कार्यक्रम के लिए एक अहम समझौता हुआ है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एकमात्र भारतीय को चांद पर उतारने में मदद करने के बाद रूस अब अंतरिक्ष में मानव स्पेसक्रॉफ्ट भेजने की महत्वाकांक्षी योजना 'गगनयान' में भी साझीदार बनेगा। भारत और रूस के बीच शुक्रवार को मानव स्पेसक्रॉफ्ट कार्यक्रम के लिए एक अहम समझौता हुआ है।
यह समझौता पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के समक्ष हुए आठ समझौतों में शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी ने गगनयान कार्यक्रम का कुछ महीने पहले ही ऐलान किया है। इसके लिए भारतीय स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (इसरो) और रूस की फेडरल स्पेस एजेंसी रॉसकॉस्मॉस के बीच करार हुआ है।
कई मुद्दे पर हुए समझौते
भारत और रूस के बीच रेल क्षेत्र में सहयोग के लिए भी एक करार हुआ है। रूस पहले से ही नागपुर-सिकंदराबाद के बीच हाई स्पीड रेल नेटवर्क पर काम कर रहा है। लेकिन अब रूस ने भारत के रेल क्षेत्र में और ज्यादा भूमिका निभाने को इच्छुक है। पुतिन की तरफ से मोदी को यह संयुक्त तौर पर यात्री विमान बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
हाल ही में रूस की एक कंपनी ने दावा किया है कि वह बोइंग और एयरबस के मुकाबले बेहतर यात्री जहाज विकसित कर चुकी है। भारत अभी दुनिया में सबसे तेजी से विकसित होता एविएशन बाजार है। संभवत: इसलिए पुतिन ने यह प्रस्ताव किया है। इस पर अभी आगे बात होगी, तब अंतिम फैसला किया जाएगा।
पुतिन ने भारत में जलमार्ग को बढ़ावा देने और इसके लिए छोटे-बड़े पानी के जहाज बनाने में मदद करने का भी प्रस्ताव किया है। दोनो देशों के बीच परमाणु क्षेत्र में सहयोग को और तेजी से मजबूत बनाने के लिए एक करार हुआ है। दोनो देशों के बीच लघु व मझोले उद्योगों के बीच सहयोग स्थापित करने के लिए भी एक समझौता किया गया है। रूस से 20 लाख टन उर्वरक खरीदने को लेकर भी एक समझौता हुआ है।
आतंकवाद पर दोहरा चरित्र नहीं अपनाना चाहिए
मोदी व पुतिन के बीच आतंकवाद के मुद्दे पर भी बात हुई है। इस बारे में जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनो देश आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और प्रगाढ़ करेंगे। संयुक्त बयान में सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को भी चेतावनी दी गई है कि इस बारे में किसी भी देश को दोहरा चरित्र नहीं अपनाना चाहिए। संयुक्त बयान में यह बात महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के दिनों में रूस और पाकिस्तान के बीच रिश्ते मजबूत होने की तमाम खबरें आ रही हैं।