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भारत को उम्मीद, अफगानिस्तान के चुनाव प्रक्रिया में शामिल होगा तालिबान

तालिबान तालिबान की बढ़ती अहमियत को देख भारत की रणनीति बदलने के संकेत।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 07:18 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 08:03 PM (IST)
भारत को उम्मीद, अफगानिस्तान के चुनाव प्रक्रिया में शामिल होगा तालिबान

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत अब यह समझने लगा है कि उसके विरोध के बावजूद अफगानिस्तान में जिस तरह से हालात बदलने के संकेत है उसमें तालिबान की भूमिका अब टाली नहीं जा सकती। ऐसे में भारत का रुख भी बदलने लगा है। भारत इस बात के लिए मन बना रहा है कि अगर तालिबान को चुनाव प्रक्रिया के जरिए सत्ता में भूमिका तय होती है तो वह भी इसके लिए तैयार हो सकता है। बहरहाल, अमेरिका की अगुवाई में अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए तालिबान समेत अन्य सभी पक्षों से हो रही बातचीत पर पैनी नजर रखे हुए है।

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अफगानिस्तान को लेकर जारी चर्चा पर पूछे गये सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि, ''अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए विभिन्न पक्षों की अगुवाई में जो बात हो रही है हम उन पर नजर बनाये हुए हैं। भारत का मानना है कि वहां राजनीतिक स्थिरता बनाने के लिए जो कोशिशें हो रही है उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण है कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव भी समय पर करवाये जाए। हम अफगानिस्तान के लोगों की तरफ से तैयार और उनकी तरफ से लागू और अफगानिस्तानियों के नियंत्रण वाले शांति फार्मूला का समर्थन करने की अपनी नीति पर अडिग है।''

इस तरह से भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि अफगानिस्तान में कोई भी शांति बहाली की व्यवस्था लोकतांत्रिक तरीके से ही होनी चाहिए। साथ ही भारत ने यह भी संकेत दे दिया कि तालिबान को भी चुनाव प्रक्रिया के तहत ही वहां लाने की कोशिश होनी चाहिए।

जानकारों के मुताबिक अगर तालिबान से हो रही बातचीत में भारत को आगे बुलाया जाए तो वह उसमें शामिल भी हो सकता है। अभी तक भारत तालिबान से होने बातचीत से कन्नी काटता रहा है। मास्को में हुई वार्ता में भारत ने गैर आधिकारिक दल भेजे थे। हालांकि अब हालात काफी बदल गये हैं। अमेरिकी सरकार और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच लगातार तीन दिनों तक वार्ता हुई है।

अफगानिस्तान के मुद्दे पर अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जाल्मी खालिजाद ने तालिबान के लोगों के साथ ही राष्ट्रपति अशरफ घनी के साथ भी बातचीत की है। अमेरिका अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के तमाम विकल्पों पर बात कर रहा है। माना जा रहा है कि अमेरिका यह चाहता है कि तालिबान को सत्ता में भागीदारी इस शर्त पर दी जाए कि वह न सिर्फ हिंसा की राह छोड़ेगा बल्कि अल-कायदा और आइएसआइएस पर भी अंकुश लगाएगा। चुनाव प्रक्रिया पर जोर देने के पीछे भारत की मंशा यह है कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार से बात करना ज्यादा आसान होगा।


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