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कुरैशी का उमर फारूख को फोन करने पर भारत का सख्‍त रूख, पाक को परिणाम भुगतने की चेतावनी

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा कश्मीर के अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक को टेलीफोन किए जाने पर भारत ने बेहद सख्त रवैया अख्तियार किया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 12:34 AM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 07:27 AM (IST)
कुरैशी का उमर फारूख को फोन करने पर भारत का सख्‍त रूख, पाक को परिणाम भुगतने की चेतावनी
कुरैशी का उमर फारूख को फोन करने पर भारत का सख्‍त रूख, पाक को परिणाम भुगतने की चेतावनी

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा कश्मीर के अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक को टेलीफोन किए जाने पर भारत ने बेहद सख्त रवैया अख्तियार किया है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहैल महमूद को समन कर बुलाया और न सिर्फ भारत की नाराजगी से अवगत कराया बल्कि भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी।

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विदेश सचिव विजय गोखले ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को बगैर लाग लपेट यह भी बताया कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने भारत की एकता और अखंडता को प्रभावित करने की कोशिश की है।

पाकिस्तानी उच्चायुक्त को यह बताया गया कि विदेश मंत्री कुरैशी की तरफ से किसी अलगाववादी नेता को फोन करना भारत के आंतरिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप है। इसे भारत अपनी एकता और अखंडता को प्रभावित करने के तौर पर देख रहा है। साथ ही विदेश सचिव ने यह भी बताया कि इस तरह की कोशिशों के गंभीर नतीजे हो सकते हैं।

पाकिस्तान को यह संदेश दिया गया कि विदेश मंत्री का अलगाववादी नेता को फोन करना सारे कूटनीतिक परंपराओं की अवहेलना है। भारत यह भी मानता है कि विदेश मंत्री कुरैशी का यह कदम एक तरह से इस बात की स्वीकृति है कि पाकिस्तान आतंकियों और अलगाववादियों को बढ़ावा देता है।

इससे पाकिस्तान का यह दोहरापन भी दुनिया के सामने आ गया है कि वह एक तरफ भारत से दोस्ती की बात करता है, दूसरी तरफ भारत की अखंडता पर सवाल उठाने वाले संगठनों के साथ संपर्क भी रखता है। भारत के रुख की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि पाकिस्तान के उच्चायुक्त को रात के 10:30 बजे तलब किया गया था।

पाकिस्तान के उच्चायुक्त को यह याद दिलाया गया कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और आगे भी रहेगा। पाकिस्तान को इस मामले में बोलने का या किसी भी तरीके से कोई भी भूमिका निभाने का कोई भी अधिकार नहीं है।


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