महीने के आखिर में जापान जाएंगे पीएम मोदी, बड़ी रणनीतिक साझेदारी की तरफ बढ़ेंगे रिश्ते
पीएम नरेंद्र मोदी इस महीने की 28 व 29 तारीख को जापान की यात्रा पर होंगे।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पीएम नरेंद्र मोदी इस महीने की 28 व 29 तारीख को जापान की यात्रा पर होंगे। इस दौरान वह जापान के पीएम शिंजो एबे के साथ भारत-जापान के बीच सालाना होने वाली शिखर बैठक की अगुवाई करेंगे।
मोदी और एबे की अगुवाई में पिछले चार वर्षो में भारत व जापान के रिश्तों को जिस तरह से दिशा दी गई है उसे देखते हुए माना जा रहा है कि दोनों नेता इस बार अभी तक के फैसलों की समीक्षा करने पर ज्यादा जोर देंगे। बैठक में निश्चित तौर पर कनेक्टिविटी से जुड़ी परियोजनाओं पर सहयोग काफी अहम होगा और खास तौर पर संयुक्त तौर पर किस तरह से एशिया के दूसरे देशों व गैर एशियाई देशों में कनेक्टिविटी परियोजनाओं को बढ़ाया जाए, इस पर विमर्श करेंगे।
विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक मोदी और एबे 13वें भारत-जापान सालाना बैठक में हिस्सा लेंगे। मोदी व एबे की अगुवाई में यह पांचवी सालाना बैठक होगी। रणनीतिक व वैश्विक पार्टनरशिप के फ्रेमवर्क के तहत दोनो नेता द्विपक्षीय, वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति व संपन्नता भी एक बड़ा मुद्दा होगा।
सनद रहे कि पिछले वर्ष की सालाना बैठक के लिए पीएम एबे भारत आये थे और उन्होंने अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन रेल लाइन की नींव रखी थी। पिछले वर्ष दोनो देशों की तरफ से जारी संयुक्त बयान को कई विशेषज्ञों ने इस तौर पर देखा था कि अब ये देश एक दूसरे को दूसरा सबसे अहम रणनीतिक साझेदार मानने लगे हैं।
दोनो देशों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा व महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार देश है। वर्ष 2017 की घोषणा पत्र में हिंद-प्रशांत महासागर के मुद्दे पर भारत व जापान ने शांति स्थापित करने के आह्वान के साथ यह भी कहा था कि उनकी तीनों सेनाओं के बीच गहरे संबंध स्थापित करने की नींव रखी जा चुकी है।
सूत्रों का कहना है कि मोदी और एबे रणनीतिक साझेदारी के क्षेत्र में पूर्व में लिए गये फैसलों की समीक्षा करेंगे। हाल ही में दोनो देशों ने अपने रक्षा मंत्रियों, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों, रक्षा व विदेश मंत्रियों की अगुवाई में एक अलग बैठक (टू पल्स टू) के अलावा डिफेंस पॉलिसी डायलाग और तीनों सेनाओं के स्तर पर होने वाली बातचीत शुरु की गई है।
भारत इस स्तर पर व्यापक सुरक्षा वार्ता बहुत कम देशों के साथ करता है। मोदी व एबे के बीच बेहतर व्यक्गित संबंधों से भी भारत व जापान के रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने में मदद मिली है। एबे ने पिछले वर्ष अहमदाबाद में मोदी के साथ एक रोड-शो भी किया था। साथ ही डोकलाम विवाद पर भारत का खुल कर समर्थन करने वाला जापान पहला देश था।