वार्ता में बनी सहमति, सीमा पर भरोसा बढ़ाने वाले उपाय बढ़ाएंगे चीन-भारत
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बैठक में दोनों देशों की सेनाओं के बीच प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास और अन्य पेशेवर तरीकों से सहयोग का निर्णय लिया गया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र/आइएएनएस। भारत और चीन ने सीमा पर परस्पर विश्वास बढ़ाने वाले उपायों में वृद्धि पर सहमति जताई है। इसके तहत दोनों सेनाओं के बीच संवाद बढ़ाया जाएगा। द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में इजाफा किया जाएगा, जिससे भविष्य में डोकलाम जैसा गतिरोध पैदा न हो। 2017 में डोकलाम में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं। भारत यात्र पर आए चीन के रक्षा मंत्री वी फेंग की गुरुवार को नई दिल्ली में भारतीय समकक्ष निर्मला सीतारमण से वार्ता में यह सहमति बनी।
ज्ञात हो, साढ़े तीन हजार किमी लंबी सीमा को लेकर भारत व चीन के बीच लंबे समय से विवाद है। इसके शांतिपूर्ण हल के लिए दोनों देशों ने वार्ताकारों की नियुक्ति कर रखी है, बावजूद इसके छिटपुट टकराव की खबरें अक्सर सामने आ जाती हैं। अप्रैल में वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई अनौपचारिक मुलाकात में दोनों देशों की सेनाओं के बीच संपर्क बढ़ाने की सहमति बनी थी। दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच वार्ता इसी का परिणाम है।
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बैठक में दोनों देशों की सेनाओं के बीच प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास और अन्य पेशेवर तरीकों से सहयोग का निर्णय लिया गया है। दोनों पक्ष सन 2006 में हुए सहयोग के समझौते को नया रूप देते उसे नए सिरे से लागू करेंगे। दोनों रक्षा मंत्रियों ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मसलों को स्वतंत्र, खुलेपन और रचनात्मक स्वरूप में निपटाने पर बल दिया।
बैठक में दोनों पक्षों ने सुरक्षा बलों के बीच हॉटलाइन के जरिये संपर्क बनाए रखने और हर तरह की गलतफहमी को शुरुआती स्तर पर ही दूर करने पर सहमति जताई। विश्वास बढ़ाने के लिए बातचीत का सिलसिला तेज करने पर बल दिया गया। चीनी रक्षा मंत्री चार दिन के भारत दौरे पर मंगलवार को नई दिल्ली आए हैं।