अगर भारत ने लिया ये फैसला तो पाकिस्तान के जहाजों का रास्ता होगा बंद, उठाना पड़ेगा भारी नुकसान
हाल ही में पाकिस्तान ने घोषणा की है कि वह अपना एयरस्पेस बंद करेगा। जिसके बाद सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार को सलाह दी है। जानें उस सलाह को पाकिस्तान पर क्या होगा असर।
नई दिल्ली, एजेंसी। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर पर लिए गए भारत के फैसले के बाद से लगातार इस मुद्दे को दुनिया में भुनाने की कोशिश कर रहा है। हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से कितनी बुरी तरह बौखलाया हुआ है। अब पाकिस्तान ने घोषणा की है कि वह अपने हवाई क्षेत्र (एयरस्पेस) को 31 अगस्त तक बंद रखेगा।
हालांकि, पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा है कि पाकिस्तान अपने इस क्षेत्र को भारत के लिए बंद करेगा या नहीं इसपर कोई विचार नहीं किया गया है। इसी बीच सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार को सलाह दी है कि यदि ऐसा करता है तो भारत कराची बंदरगाह के लिए अरब सागर से जाने वाले जहाजों के लिए रास्ता बंद कर देना चाहिए। उन्होंने इसे लेकर एक ट्वीट भी किया है।
चलिए तो जानते है यदि भारत सच में कराची जाने वाले रास्ते पर प्रतिबंध लगा दे तो पाकिस्तान पर इसका क्या असर होगा।
कराची पोर्ट ट्रस्ट के मुताबिक, पूरे साल बंदरगाह पर लगभग 1600 जहाज पहुंचते हैं। अब यदि भारत अरब सागर में अपने क्षेत्र को बंद कर देता है तो जितने जहाज कराची जाते है उनमें से 60 फीसदी को अपना रास्ता बदलना पड़ेगा। ऐसा होने पर सबसे ज्यादा पाकिस्तान और चीन को ही नुकसान होगा। चीन को इसलिए, क्योंकि चीन के ज्यादातर जहाज बंगाल की खाड़ी से होते हुए श्रीलंका की तरफ से अरब सागर के रास्ते कराची बंदरगाह जाते हैं।
अब यदि भारत अरब सागर में अपने क्षेत्र में प्रतिबंध लगाता है तो सभी दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों की तरफ से जितने जहाज आते है उन सभी को फिर अफ्रीका के पास से गुजरना पड़ेगा। ऐसा करने से उन्हें यात्रा के लिए एक दिन का समय और बढ़ सकता है।
यात्रा करने में लगेगा अधिक समय
जब यात्रा करने में अधिक समय लगेगा तो जाहिर है इससे ईंधन का खर्च भी बढ़ेगा। ऐसे में जो भी जहाज कराची में ठहरकर आगे बढ़ना चाहते हैं तो उन्हें फिर किसी दूसरे बंदरगाह पर रुकना पड़ेगा। इससे दूसरो बंदरगाहों को फायदा मिलेगा। वहीं, दूसरे देशों के जहाज अफ्रीका, यमन ओमान के रास्ते से पाकिस्तान जा पाएंगे या फिर वह इन देशों के ही बंदरगाहों का इस्तेमाल करेंगे।
फिलहाल, कराची बंदरगाह पर करीब 4748 कर्मचारी और 315 अधिकारी काम करते हैं। अब जब जहाजों का आवाजाही कम हो जाएगी तो कर्मचारियों के काम पर भी प्रभाव पड़ेगा। जब बंदरगाह पर सामान ही नहीं उतरेगा तो इससे कराची पोर्ट ट्रस्ट को नुकसान होगा।
बंदरगाह की कमाई में होगी भारी गिरावट
पाकिस्तान को जो सबसे ज्यादा कमाई होती है। खबरों के अनुसार, पाकिस्तान को समुद्र के रास्ते होने वाली कमाई का करीब 61 फीसदी हिस्सा कराची बंदरगाह से मिलता है। ऐसे में यदि भारत अरब सागर में प्रतिबंध लगाता है तो उससे कराची बंदरगाह की कमाई में लगभग 40 फीसदी की गिरावट आएगी।
पहले भी भारत ने उठाया था ये कदम
भारत सरकार ने इसी साल फरवरी में कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी थी। जिससे 800 सीमेंट के कंटेनर्स कराची बंदरगाह पर ही रह गए थे। इससे पाकिस्तान के सीमेंट व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा था।
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