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काठमांडू में पहली बार मनाई गई गीता जयंती, बांटी गई गीता Gorakhpur News

नेपाल के काठमांडू में पहली बार गीता जयंती हर्षोल्लास के वातावरण में मनाई गई।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 12:01 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 12:18 PM (IST)
काठमांडू में पहली बार मनाई गई गीता जयंती, बांटी गई गीता Gorakhpur News
काठमांडू में पहली बार मनाई गई गीता जयंती, बांटी गई गीता Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। श्रीगीता ज्ञान प्रचार सेवा समिति की ओर से और गीता पुस्तक बिक्री केंद्र काठमांडू के सहयोग से नेपाल के काठमांडू में पहली बार गीता जयंती हर्षोल्लास के वातावरण में मनाई गई। जयंती कार्यक्रम दो चरणों में संपन्न हुआ।

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50 से ज्यादा भाषाओं में प्रकाशित गीता रखी गई

पहले चरण में श्रीगीता जी की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। पूजा के दौरान गीता प्रेस से प्रकाशित 50 से ज्यादा भाषाओं में प्रकाशित गीता रखी गई थी। पूजा के बाद 10 माध्यमिक विद्यालयों के बच्‍चों द्वारा गीता के 11वें अध्याय का पाठ किया गया। गुरुकुल प्रतिस्पर्धा में पांच गुरुकुल के विद्यार्थियों सहित गीता साधकों ने अध्याय एक से 18 तक का स्वाध्याय किया। दूसरे चरण में आयोजित कार्यक्रम में नेपाल सरकार के संस्कृति और पर्यटन मंत्री योगेश भट्टराई, नेपाल में भारत के राजदूत मंजीव सिंह पुरी, पशुपतिनाथ मंदिर के मूल भट्ट गणेश रावल के अलावा गीता प्रेस के ट्रस्टी आदि मौजूद रहे।

गीता धार्मिक पुस्तक नहीं जीवन पद्धति

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नेपाल में भारत के राजदूत मंजीव सिंह पुरी ने कहा कि गीता धार्मिक पुस्तक नहीं बल्कि एक जीवन पद्धति है। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीगीता ज्ञान-प्रचार समिति के संस्थापक अध्यक्ष जयकिशन सारडा ने की। गीता प्रेस के मैनेजिंग ट्रस्टी विष्णु प्रसाद चांदगोठिया को कार्यक्रम में सम्मानित किया। विद्यार्थियों में सरल गीता की एक प्रति वितरित की गई।


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