G7 Summit 2022: G7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने विकसित देशों से किया आग्रह, कहा- भारत के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में करें निवेश
G7 Summit 2022 G7 शिखर सम्मेलन में दूसरे दिन प्रधनमंत्री मोदी ने विकसित देशों से आग्रह किया। उन्होंने भारत के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में करें निवेश करने की बात कही। इसके अलावा जी-7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने जलवायु ऊर्जा सहित अन्य मुद्दे भी उठाए।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दुनिया के सबसे अमीर सात देशों (जी-7) से पीएम नरेन्द्र मोदी ने आग्रह किया है कि वो भारत में स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश करने के लिए आगे आयें। भारत आज क्लीन इनर्जी का सबसे बड़ा बाजार बन गया है और जी-7 देश यहां रिसर्च, अविष्कार और मैन्युफैक्चरिंग में निवेश कर सकते हैं। भारत जैसे बड़े बाजार में नई टेक्नोलोजी बड़ा स्केल दे सकता है, जिससे उस तकनीक को पूरी दुनिया के लिए किफायती बनाया जा सकता है।
जी-7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने उठाए ये मुद्दे-
जर्मनी में हो रहे जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत को विशेष आमंत्रण के तहत बुलाया गया है। मोदी ने अपने वक्तव्य में यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से ऊर्जा की कीमतों में हो रही वृद्धि और इससे गरीब परिवार पर पड़ने वाले असर का मुद्दा भी उठाया। इस मंच से पीएम मोदी ने इस तर्क को साफ तौर पर खारिज किया कि गरीब देश पर्यावरण को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में विश्व की 17 फीसद आबादी रहती है लेकिन वैश्विक कार्बन इमिशन में हमारा योगदान सिर्फ 05 फीसद है। इसका मूल कारण हमारी जीवनशैली है जो प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व के सिद्धांत पर आधारित है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के पीएम बोरिस जानसन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रां जैसे दिग्गज नेताओं के समक्ष पीएम मोदी ने कहा कि, 'यह तो आप सभी मानेंगे कि ऊर्जा पर अमीरों का प्रिविलेज नहीं होना चाहिए, एक गरीब परिवार का भी ऊर्जा पर बराबर का हक है। आज जब भू-राजनैतिक तनाव के कारण उर्जा के दाम आसमान छू रहे हैं इस बात को याद रखना और महत्वपूर्ण हो गया है।' पर्यावरण सुरक्षा को लेकर भारत ने क्या हासिल किया है, इसको भी पीएम मोदी ने गिनाया और बताया कि गैरक-फोरिल ईंधन से 40 प्रतिशत उर्जा क्षमता का लक्ष्य हमने समय से 9 वर्ष पहले ही प्राप्त कर लिया। पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल-बेल्डिंग का लक्ष्य समय से 5 माह पूर्व प्राप्त कर लिया गया। भारत में विश्व का पहला पूरी तरह सोलर पावर संचालित एयरपोर्ट है। भारत का विशाल रेलवे सिस्टम इसी दशक में नेट-जीरो हो जाएगा।
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