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जानें, भारत-नेपाल सीमा की पगडंडियों पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियाां क्‍यों बढ़ा रही हैं निगरानी Gorakhpur News

भारत और नेपाल को जोडऩे वाले पगडंडी रास्तों पर निगरानी बढ़ेगी। इस काम में स्थानीय पुलिस की भी मदद ली जाएगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 10:00 PM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 10:00 PM (IST)
जानें, भारत-नेपाल सीमा की पगडंडियों पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियाां क्‍यों बढ़ा रही हैं निगरानी Gorakhpur News
जानें, भारत-नेपाल सीमा की पगडंडियों पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियाां क्‍यों बढ़ा रही हैं निगरानी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। भारत और नेपाल को जोडऩे वाले पगडंडी रास्तों पर निगरानी बढ़ेगी। इस काम में स्थानीय पुलिस की भी मदद ली जाएगी। इन रास्तों का देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किए जाने की आए दिन खुफिया एजेंसियां रिपोर्ट देती रहती हैं। नेपाल से लगने वाली खुली सीमा की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के निर्देश पर पिछले दिनों दिल्ली बुलाई गई बैठक के बाद पगडंडी रास्तों पर निगरानी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। पहले चरण में उन रास्तों पर चौकसी बढ़ाई जाएगी, जिनसे होकर हल्के मालवाहक वाहन आसानी से आ-जा सकते हैं।

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इन जिलों की सीमा से जुड़ी हैं नेपाल की पगडंडियं

गोरखपुर परिक्षेत्र के दो जिलों कुशीनगर और महराजगंज की सीमा नेपाल से लगी हुई है। दोनों देशों में आवाजाही के लिए महराजगंज जिले के सोनौली, ठूठीबारी (महेशपुर) और झुलनीपुर में ही अधिकृत रास्ते हैं, लेकिन सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों ने अपनी सुविधानुसार एक देश से दूसरे देश में आने-जाने के लिए जगह-जगह पगडंडी रास्ते बना रखें हैं। दरअसल सीमा पर स्थित दोनों देशों के गांवों में रहने वाले लोगों की रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए दिन में कई बार एक देश से दूसरे देश में आना-जाना पड़ता है।

महराजगंज जिले में चिह्नित किए गए हैं 104 पगडंडी रास्ते

नेपाल से लगने वाली महराजगंज जिले की सीमा पर काफी पहले 104 पगडंडी रास्तों को चिह्नित कराया गया था। कुशीनगर और महराजगंज अलावा सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच की करीब 300 किमी लंबी सीमा भी नेपाल से लगती है। महराजगंज के अलावा अन्य जिलों को नेपाल से जोडऩे वाले पगडंडी रास्तों को चिह्नित कराए जाने का काम अभी बाकी है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के निर्देश पर बुलाई गई बैठक में सीमावर्ती जिलों के डीएम और एसएसपी के साथ ही गोरखपुर रेंज के डीआइजी राजेश मोदक भी शामिल हुए थे। बैठक से लौटने के बाद महराजगंज और कुशीनगर जिले से नेपाल को जोडऩे वाले पगडंडी रास्तों पर चौकसी बढ़ाने का निर्देश दिया है। वैसे तो खुली सीमा की रखवाली की जिम्मेदारी एसएसबी पर है, लेकिन स्थानीय पुलिस की क्षेत्र में सक्रियता अधिक होने के कारण डीआइजी ने उन्हें भी सीमा, खासकर पगडंडी रास्तों पर नजर रखने का निर्देश दिया है।

भारत और नेपाल को जोडऩे वाले पगडंडी रास्तों का दुरपयोग होने की आशंका हर समय बनी रहती है। इसलिए इन रास्तों पर सुरक्षा के ठोस इंतजाम किए जाएंगे। फिलहाल स्थानीय पुलिस को पगडंडी रास्तों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है। - राजेश मोदक, डीआइजी 


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