ट्रम्प के पूर्व सलाहकार को रूस से संबंध रखने के आरोप में 14 दिन की जेल
सुनवाई के दौरान अमेरिकी जज रूडोल्फ मॉस ने उसपर टिप्पणी करते हुए कहा कि जांच के दौरान झूठ बोलना देश की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है।
वाशिंगटन, एएफपी। डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व सलाहकार जॉर्ज पापाडोपुलस को 14 दिन के लिए जेल की सजा दी गई है। उन्हें रूस से संभावित साठ-गांठ के लिए एफबीआई ने गिरफ्तार किया था। पापाडोपुलस ने एफबीआई द्वारा पूछताछ के दौरान झूठ बोला और उन्हें गुमराह करने की कोशिश की। जिसके बाद शुक्रवार को अदालत ने उन्हें विदेश नीति का उल्लंघन करने का दोषी करार दिया। इस मामले की सुनवाई के दौरान अमेरिकी जज रूडोल्फ मॉस ने उसपर टिप्पणी करते हुए कहा कि जांच के दौरान झूठ बोलना देश की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है।
जॉर्ज पापाडोपुलस ने कोर्ट में गलती कबूल की
पापाडोपुलस ने वाशिंगटन कोर्ट में सुनवाई के दौरान ने बताया कि वो अमेरिका का देशभक्त नागरिक था, लेकिन अदालत में और पूछतांछ के दौरान झूठ बोलकर उसने गलती की। अब उसे इस गलती का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। पापाडोपुलस ने जज के सामने गुनाह कबूल करते हुए कहा कि साल 2017 के अक्टूबर में पूछताछ के दौरान उसने मास्को में हुई मुलाकात का गलत समय बताया था।
साल 2016 में एक साल के लिए निलंबित हुआ था पापाडोपुलस
साल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जब रूस के हस्तक्षेप की बात सामने आई तब सबसे पहले पापाडोपुलस को गिरफ्तार किया गया था। अमेरिकी कोर्ट ने उसे उसकी नौकरी से 12 महीनों के लिए निलंबित कर दिया था, साथ ही साढ़े नौ हजार डॉलर (6.85 लाख रूपए) का जुर्माना भी किया था। सजा सुनाए जाने के बाद पापाडोपुलस ने कहा कि इस वाकये से उसका पूरा जीवन ही उथल-पुथल हो गया। लेकिन उसने यह वादा भी किया कि अब दूसरे मौके से वह खुद में सुधार लाएगा।
यूएस राष्ट्रपति चुनाव में रूस ने रची थी साजिश
जॉर्ज पापाडोपुलस मार्च 2016 में ट्रम्प के चुनावी अभियान के दौरान विदेश नीति सलाहकार के रूप में जुड़े थे, वो लंदन बेस्ड पेट्रोलियम विशेषज्ञ थे। चुनाव के दौरान ही पापाडोपुलस की गतिविधियां संदेहास्पद पाई गईं। पापाडोपुलस ने अमेरिकी अदालत में बयान दिया कि रूस हजारों ईमेल के जरिए इस मामले का पूरा आरोप डोनाल्ड ट्रंप की विरोधी नेता हिलेरी क्लिंटन पर डालना चाहता था। ट्रंप के चुनावी कैंपेन के दौरान एक वरिष्ठ अधिकारी ने नवंबर 2016 में पापाडोपुलस की मुलाकात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से करवाने का प्रयास किया था।