वैक्सीन निर्यात घटने से कई देशों में बढ़ी बेचैनी, कंपनियां भी दबाव बनाने में जुटीं, जानें क्या कहा
देश में कोरोना से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ते देख सरकार ने वैक्सीन निर्यात में कमी ला दी है जिससे कई देशों में बेचैनी है। कई देशों ने भारत से आग्रह किया है कि वह वैक्सीन निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाए।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। देश में कोरोना से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ते देख सरकार ने वैक्सीन निर्यात में कमी ला दी है, जिससे कई देशों में बेचैनी है। नेपाल, ईरान से लेकर मैक्सिको समेत कई देशों ने भारत से आग्रह किया है कि वह वैक्सीन निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाए। भारतीय कंपनियों से मिले टीके की मदद से कई देश अपने लोगों को पहली डोज दे चुके हैं, लेकिन अब उन्हें दूसरी डोज देने में वैक्सीन की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
वैक्सीन आपूर्ति का मुद्दा गरमाया
वैक्सीन बनाने वाली भारतीय कंपनियां भी सरकार से निर्यात की मंजूरी मांग रही हैं नहीं तो पहले दी गई वैक्सीन भी बर्बाद जाएगी और उन्हें भारी भरकम अर्थदंड का भी सामना करना पड़ेगा। शुक्रवार को भारत और नेपाल के विदेश मंत्रियों की बैठक में वैक्सीन आपूर्ति का मुद्दा बहुत ही अहम रहा।
नेपाल में बड़ा सियासी मुद्दा बनी वैक्सीन
नेपाल भारत से 10 लाख अतिरिक्त डोज की मांग कर रहा है। बैठक के बाद नेपाली विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि दोनों मंत्रियों की बैठक में वैक्सीन की आपूर्ति पर भी चर्चा हुई। हाल के हफ्तों में नेपाल में भी तेजी से कोरोना महामारी का फैलाव हुआ है और वहां वैक्सीन की कमी एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है।
ईरान ने कही यह बात
नई दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास की तरफ से जारी बयान में कहा गया, 'हमने भारत सरकार को अपनी वैक्सीन जरूरत के बारे में जानकारी दे दी है। हमने वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक को भी बता दिया है। हम भारतीय अधिकारियों से जरूरी बातचीत कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि पहले जितनी वैक्सीन के लिए भुगतान किया जा चुका है, उनकी जल्द से जल्द आपूर्ति हो।'
घरेलू जरूरत पहले फिर निर्यात
आधिकारिक तौर पर भारत सरकार का कहना है कि वह वैक्सीन निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगा रही है लेकिन पहले घरेलू जरूरतों को देखते हुए दूसरे देशों को इसका निर्यात किया जाएगा। जबकि सूत्रों का कहना है कि पिछले एक पखवाड़े में बहुत ही कम वैक्सीन का निर्यात किया गया है। कुछ गिने चुने देशों को ही बहुत ही सीमित मात्रा में वैक्सीन भेजी गई है। जबकि भारतीय कंपनियां कम से कम दर्जन भर देशों के साथ वैक्सीन आपूर्ति के लिए समझौता कर चुकी हैं।
वैक्सीन की मांग करने वालों में ये देश शामिल
भारत से वैक्सीन की मांग करने वालों में सऊदी अरब, मोरक्को, ब्राजील, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, फिलीपींस, वियतनाम और मैक्सिको के नाम शामिल हैं। यूरोपीय संघ भी भारत से बड़े पैमाने पर वैक्सीन आयात करना चाहता है और इस बारे में वहां के कई राजनयिकों ने भारतीय विदेश मंत्रालय से आग्रह भी किया है।
भारी अर्थ दंड लगने का खतरा
वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां बेचैन हैं। जिन कंपनियों ने पहले ही विदेशी सरकारों के साथ वैक्सीन आपूर्ति को लेकर करार किया हुआ है उनके समक्ष साख खत्म होने और भारी अर्थ दंड लगने का खतरा है। भारत बायोटेक ने विदेश मंत्रालय से कहा है कि अगर उसने ईरान समेत दूसरे देशों को दूसरी डोज के लिए वैक्सीन नहीं भेजी तो जिन लोगों को पहला डोज दिया गया है वह भी नाकाम हो जाएगा।