पीएम मोदी के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर चीन को ऐतराज, भारत ने दिया ये जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा का चीन ने कड़ा विरोध किया है। चीन ने कहा कि भारत को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे सीमा विवाद और जटिल हो जाए।
नई दिल्ली/बीजिंग, एजेंसी। हाल के महीनों में रिश्तों में बढ़ी गर्मजोशी को दरकिनार करते हुए चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर कड़ा विरोध जताया है। कहा है कि संवेदनशील सीमावर्ती प्रदेश का भारतीय नेताओं का इस तरह का दौरा दोनों देश के बीच सीमा विवाद को और ज्यादा उलझा देगा। भारत ने चीनी विरोध की निंदा की है। कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अविभाज्य अंग है और वह अन्य राज्यों की तरह संप्रभु भारत का एक राज्य है।
शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अरुणाचल प्रदेश के दौरे में कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया और कई की आधारशिला रखी। चार हजार करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं के जरिये सीमावर्ती राज्य में सड़कों का जाल बिछेगा। इस मौके पर मोदी ने कहा कि उनकी सरकार अरुणाचल प्रदेश को महत्व देते हुए वहां पर राजमार्गों, रेलवे, एयरवे और विद्युत की स्थिति का विकास कर रही है। वर्तमान सरकार का यह रुख पूर्व की उन सरकारों से अलग है जिन्होंने इस सीमावर्ती राज्य के महत्व को नहीं समझा।
नई दिल्ली में चीनी विदेश मंत्रालय के बयान का करारा जवाब देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, अरुणाचल प्रदेश भारत का अविभाज्य अंग है। भारतीय नेता अक्सर उसी तरह से अरुणाचल प्रदेश का दौरा करते हैं जैसे कि भारत के अन्य राज्यों का। यह स्थिति चीन को बहुत बार बताई जा चुकी है।
इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनिइंग ने कहा, भारत-चीन सीमा को लेकर चीन का रुख बिल्कुल स्पष्ट है। चीन सरकार ने कभी भी अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी और वहां जब-जब भारतीय नेता गए तब-तब उस पर कड़ा विरोध जताया। इस मसले पर चीन का अनुरोध है कि भारतीय नेता चीनी चिंताओं को समझें। दोनों देशों के हितों को ध्यान में रखते फायदे और चिंता का सम्मान करें।
ऐसे समय में जबकि दोनों देशों के रिश्तों में बेहतरी की गति बनी हुई है, ऐसे में सीमा पर विवाद बढ़ाने वाला कोई कार्य नहीं होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि चीन अरुणाचल प्रदेश के दक्षिण तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है। करीब साढ़े तीन हजार किलोमीटर सीमा का विवाद खत्म करने के लिए दोनों देश वार्ता के 21 चक्र पूरे कर चुके हैं।
बता दें कि चीन उत्तर-पूर्वी भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता रहा है। सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच अब तक 21 दौर की वार्ता हो चुकी है। भारत-चीन सीमा विवाद में 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) शामिल है।
चार हजार करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास
दरअसल, मोदी ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश में चार हजार करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। मोदी ने होल्लोंगी में ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे की नींव रखी और लोहित जिले के तेजू में रेस्टोफिटेड हवाई अड्डे का उद्घाटन किया।
अरुणाचल प्रदेश को 44,000 करोड़ का फंड
ईटानगर में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के लिए 44,000 करोड़ का फंड जारी किया है। यह पिछली सरकारों द्वारा दिए गए फंड से दोगुना है। पिछले 2 सालों में करीब 1000 गांव सड़कों से जुड़े हैं। ट्रांस अरुणाचल हाइवे का काम भी प्रगति पर है।