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मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की सीबीआइ ने एंटीगुआ से की अपील

मेहुल चोकसी को 'उपयुक्त और उचित उम्मीदवार' सुनिश्चित करने के बाद ही नागरिकता दी गई है।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 03 Aug 2018 12:48 PM (IST)Updated: Fri, 03 Aug 2018 12:54 PM (IST)
मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की सीबीआइ ने एंटीगुआ से की अपील
मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की सीबीआइ ने एंटीगुआ से की अपील

नई दिल्ली, प्रेट्र/आइएएनएस। कैरेबियाई द्वीप देश एंटीगुआ ने दावा किया है कि भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को उसने वर्ष 2017 में अपनी नागरिकता उसकी पृष्ठभूमि जांचने के बाद ही दी है। हालांकि भारत से उन्हें चोकसी के खिलाफ कोई खराब जानकारी नहीं मिली थी। एंटीगुआ का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार की नियामक संस्था सेबी ने भी चोकसी के बारे में कोई विपरीत रिपोर्ट नहीं दी थी। लेकिन सेबी ने उसके पास ऐसा कोई आवेदन आने या उसे मंजूरी देने से साफ इन्कार किया है। इस बीच, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने चोकसी के भारत प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ को औपचारिक अपील भेज दी है।

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सीबीआइ के सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को भारत की प्रमुख जांच एजेंसी ने पीएनबी घोटाले के मास्टरमाइंड चोकसी के भारत प्रत्यर्पण के लिए तीन आधार रखे हैं। एक तो उसके खिलाफ भारत में अदालती सुनवाई आगे बढ़े, साथ ही दोनों देशों के भगोड़ों के आदान-प्रदान को भी आधार बनाने का निवेदन किया है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र की संधि के तहत भ्रष्टाचार के मामलों के खिलाफ कार्रवाई की दलील दी है। इस संधि पर भारत और एंटीगुआ दोनों देशों ने ही दस्तखत किए हुए हैं।

एंटीगुआ की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के मामा मेहुल चिनुब भाई चोकसी को स्थानीय प्रशासन के हाथों निवेश से जुड़ी नागरिकता दिए जाने से पहले जांच-पड़ताल के दौरान क्लीनचिट देने वाली भारतीय एजेंसियों में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) भी एक है। हालांकि सेबी ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि उसके पास एंटीगुआ से ऐसा कोई भी आवेदन नहीं आया था और ना ही उसने कैरेबियाई देश को चोकसी के सिलसिले में कोई क्लीयरेंस दी है।

एंटीगुआ के अखबार डेली ऑब्जर्वर ने बताया कि एंटीगुआ प्रशासन को भारत सरकार की ओर से पुलिस क्लीयरेंस सर्टीफिकेट, मुंबई स्थित पासपोर्ट आफिस चोकसी के खिलाफ कोई गड़बड़ी की जानकारी नहीं होने का सर्टीफिकेट मिला था।

इनवेस्टमेंट यूनिट ऑफ एंटीगुआ और बारबुडा (सीआइयू) के बयान का हवाला देते हुए बताया कि नागरिकता के लिए चोकसी का आवेदन उन्हें मई 2017 में मिला था। उस आवेदन के साथ उन्होंने नियमानुसार स्थानीय पुलिस का क्लीयरेंस भी दिया था। एंटीगुआ और बरबूडा के निवेश के बदले नागरिकता कार्यक्रम के तहत एक व्यक्ति को एंटीगुआ का पासपोर्ट हासिल करने के लिए एनडीएफ निवेश फंड में कम से कम 1,00,000 अमेरिकी डॉलर का निवेश करना पड़ता है।

उल्लेखनीय है कि 13,500 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले में आरोपित मेहुल चोकसी इसी साल चार जनवरी को भारत से फरार हो गया था। उसने एंटीगुआ में नागरिकता की शपथ 15 जनवरी को ली थी। उसकी नागरिकता को मंजूरी नवंबर 2017 में ही मिल गई थी। इसी साल 16 जनवरी को पंजाब नेशनल बैंक की ब्रैडी हाउस शाखा ने चोकसी और नीरव मोदी के 2 अरब डॉलर के घोटाले को पहली बार उजागर किया था। 29 जुलाई 2016 को बेंगलुरु के निवासी हरि प्रसाद ने प्रधानमंत्री कार्यालय को इस घोटाले की जानकारी दी थी।

भारत ने ब्रिटेन से की नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की अपील

13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले में मुख्य आरोपित नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की भारत सरकार ने ब्रिटेन से अपील की है। विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने राज्यसभा में बताया कि यह अपील ब्रिटेन में छिपे नीरव दीपक मोदी के प्रत्यर्पण के लिए विदेश मंत्रालय को गृह मंत्रालय से मिली है। यह अपील लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के एख विशेष कूटनीतिक संपर्क के जरिए मिली है।

बताया जाता है कि जनवरी से फरार मोदी पिछले दिनों ब्रिटेन, फ्रांस और बेल्जियम जैसे देशों में छिपता रहा है। जून में विदेश मंत्रालय ने कई यूरोपीय देशों को नीरव मोदी की तलाश में मदद करने की अपील की थी। पिछले महीने ही विदेश मंत्रालय ने सभी भारतीय दूतावासों को चिट्टी लिखकर कहा था कि वह स्थानीय सरकारों से नीरव मोदी के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने को कहें और अगर वह उनके देश में हो तो उसकी जानकारी दें।


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