अमेरिकी महावाणिज्य दूत ने कहा, एफ-16 लड़ाकू विमान खरीदने को भारत पर कोई दबाव नहीं
अमेरिकी महावाणिज्य दूत एडगार्ड कागन ने एक साक्षात्कार में कहा कि हम जानते हैं कि भारत अपने फैसले अपने दम पर लेता है।
मुंबई, प्रेट्र। अमेरिका एफ-16 या किसी अन्य रक्षा प्रणाली को खरीदने के लिए भारत पर कोई दबाव नहीं डाल रहा है। इस बारे में चल रही अटकलें सही नहीं हैं। यह बात मुंबई स्थित अमेरिकी महावाणिज्य दूत एडगार्ड कागन ने कही। हालांकि उन्होंने रूस से रक्षा सौदे पर अमेरिकी कार्रवाई के अंदेशे पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया।
बता दें कि हाल ही में भारत ने रूस से पांच बिलियन डालर (करीब 36 हजार करोड़ रुपये) में एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली खरीदने को मंजूरी दी है। माना जा रहा है कि अमेरिका 'काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरीज थू्र सेंक्शन एक्ट (सीएएटीएसए)' के तहत प्रतिबंध लगा सकता है। हालांकि, अमेरिकी संसद ने राष्ट्रपति को इस संबंध में छूट दे रखी है।
अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों पर अमेरिका को बहुत गर्व है। अब तक भारत ने हमसे 15 अरब डॉलर के रक्षा उपकरण खरीदे हैं। जब उनसे भारत द्वारा रूस से 400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने पर अमेरिका के नाराज होने और भारत पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने सीधी टिप्पणी नहीं की।
अमेरिकी महावाणिज्य दूत ने एक साक्षात्कार में कहा कि हम जानते हैं कि भारत अपने फैसले अपने दम पर लेता है। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि फैसलों का असर होता है और भारत भी विभिन्न मसलों पर अमेरिका की राय अच्छी तरह जानता है। यह भी सच है कि दोनों देश विवादों को हल करने के लिए कदम उठा सकते हैं।