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चीन को घेरने के लिए अमेरिका-आस्ट्रेलिया व ब्रिटेन ने बनाया गठबंधन, जानें भारत को क्‍या होगा फायदा

चीन के आक्रामक रवैये को विश्व बिरादरी जिस तरह से काबू करने की कोशिश कर रही है उसके तहत अमेरिका ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के बीच एक बेहद अहम गठबंधन का एलान किया गया। अमेरिका और ब्रिटेन अगले 18 महीनों में आस्ट्रेलिया को आठ परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बी उपलब्ध कराएंगे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 11:41 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 11:49 PM (IST)
चीन को घेरने के लिए अमेरिका-आस्ट्रेलिया व ब्रिटेन ने बनाया गठबंधन, जानें भारत को क्‍या होगा फायदा
अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के राष्‍ट्रध्‍यक्ष्‍ा। फाइल फोटो

 जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। चीन के आक्रामक रवैये को विश्व बिरादरी जिस तरह से काबू करने की कोशिश कर रही है, उसके तहत गुरुवार को अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के बीच एक बेहद अहम गठबंधन का एलान किया गया। अमेरिका और ब्रिटेन अगले 18 महीनों में आस्ट्रेलिया को आठ परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बी उपलब्ध कराएंगे। यह घोषणा सीधे तौर पर भारत के सुरक्षा चक्र को भी मजबूत करेगा, क्योंकि ना सिर्फ भारत और आस्ट्रेलिया के बीच रणनीतिक गठजोड़ लगातार मजबूत हो रहा है, बल्कि दोनों देश अमेरिका के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बनाए जा रहे क्वाड गठबंधन में भी साझेदार हैं। रणनीतिक जानकार इसे हिंद प्रशांत क्षेत्र में क्वाड के साथ ही आस्ट्रेलिया व दूसरे यूरोपीय देशों के साथ एक समानांतर गठबंधन बनाने की अमेरिकी कोशिश के तौर पर भी देख रहे हैं।

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आस्ट्रेलिया के पीएम, विदेश मंत्री व रक्षा मंत्री ने भारतीय समकक्षों से की बात

अमेरिका, ब्रिटेन व आस्ट्रेलिया की तरफ से घोषित इस त्रिपक्षीय साझेदारी को आकस (एयूकेयूएस) नाम दिया गया है। आस्ट्रेलिया ने इस गठबंधन को लेकर सारी जानकारी भारत को भी उच्च स्तर पर दी है। माना जा रहा है कि बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी व आस्ट्रेलिया के पीएम स्काट मारीसन के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उनके समकक्ष पीटर डटन व और विदेश मंत्री एस जयशंकर की उनके समकक्ष मैरिस पायने से अलग-अलग इस बारे में बात हुई है। आस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री व विदेश मंत्री पांच दिन पहले ही भारत से टू प्लस टू वार्ता के बाद लौटे हैं। वैसे आधिकारिक तौर पर भारत की तरफ से आकस घोषणा को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है। लेकिन माना जा रहा है कि एक ही दिन आस्ट्रेलिया के तीनों वरिष्ठ नेताओं की भारत के नेतृत्व के साथ हुई वार्ता का मकसद यही था।

क्वाड शिखर बैठक के आठ दिन पहले की गई घोषणा

इस बारे में आस्ट्रेलिया की तरफ से जारी जानकारी में कहा गया है कि आकस आस्ट्रेलिया के रणनीतिक साझेदारी के नेटवर्क को और मजबूती देगा। साथ ही यह आसियान के सदस्य देशों, प्रशांत क्षेत्र के राष्ट्रों और क्वाड के सदस्यों को भी समर्थन देगा। यह भी उल्लेखनीय है कि इसकी घोषणा आठ दिनों बाद होने वाली क्वाड शिखर बैठक से पहले की गई है। 24 सितंबर को वाशिंगटन में अमेरिका, भारत, जापान व आस्ट्रेलिया के बीच पहली सामान्य शिखर बैठक होगी।

भारत और आस्ट्रेलिया के बीच नौसैनिक गठबंधन को मजबूत बनाने का पूरा रोडमैप

इस दौरान मोदी और मारीसन के बीच भी द्विपक्षीय वार्ता अलग से तय है। दोनों देशों के बीच हाल ही में टू प्लस टू वार्ता में सैन्य साझेदारी को मजबूत करने के कई उपायों पर बात हुई है। आस्ट्रेलिया ने अपने यहां भारतीय उच्चायोग में ज्यादा सैन्य अधिकारियों को नियुक्त करने की रजामंदी दी है। साथ ही भारत को वर्ष 2023 में आस्ट्रेलिया के युद्धाभ्यास तस्लीमान सब्रे में भाग लेने का आमंत्रण दिया है। दोनों देशों के बीच वर्ष 2020 में ही एक दूसरे के सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल करने का समझौता भी हो चुका है। भारत और आस्ट्रेलिया के बीच नौसैनिक गठबंधन को मजबूत बनाने का पूरा रोडमैप है। दोनों देश जापान, फ्रांस और इंडोनेशिया के साथ मिलकर अलग-अलग त्रिपक्षीय गठबंधन भी बना रहे हैं।


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