पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव, जानिए- 10 बड़ी बातें
सभी की नजरें पाकिस्तान के आगामी आम चुनाव पर टिकी हैं, जो कि 25 जुलाई को होगा।
नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज के देश वापसी और फिर उनकी गिरफ्तारी समेत पाकिस्तान में पिछले हफ्ते कई नाटकीय इवेंट देखने को मिले। सभी की नजरें पाकिस्तान के आगामी आम चुनाव पर टिकी हैं, जो कि 25 जुलाई को होगा। वर्ष 1947 में पाकिस्तान बनने से लेकर आज तक पाकिस्तान के आम चुनाव को संदेह के दायरे में रखा गया। पाकिस्तान के आम चुनाव में सेना का दखल रहा है। पाकिस्तान में इतिहास में मिलिट्री रुल भी रहा है।
1. पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज)- पीएमएल-एन मौजूदा दौर में कई चुनौतियों का सामना कर रही है। खासकर पूर्व पाक पीएम नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज शरीफ की गिरफ्तारी के बाद से चीजें और बिगड़ गई हैं। हालांकि ऐसी खबर है कि मरियम शरीफ अपने को आरोपमुक्त साबित करने को लेकर लड़ाई लड़ सकती हैं। मरियम नवाज शरीफ भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दी गई हैं।
2. शहबाज शरीफ- पीएमएल-एन के नेता और पूर्व पीएम मोदी के भाई पंजाब प्रांत में अच्छी पकड़ रखते हैं। वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि पार्टी को भावनात्मक जुड़ाव फायदा पहुंचा सकता है।
3. पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी)- पार्टी को पाकिस्तान के पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो पार्टी का नेतृत्व करते हैं। भुट्टो ने पार्टी की प्रमुख और मां बेनजीर भुट्टो की मौत के बाद पार्टी संभाली। भु्ट्टो परिवार पाकिस्तान का काफी पुराना राजनीतिक घराना रहा है। उन्हें पाकिस्तान में इसका काफी फायदा मिल रहा है।
4. पाकिस्तान के इस बार के चुनाव में रेडिकल इस्लामिक विचारधारा में काफी उछाल देखा जा रहा है। यही वजह है कि इस बार के चुनाव में 460 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है, जो कि इस्लामिक पार्टियों से जुड़ाव रखते हैं। हाफिज सईद के नेतृत्व वाली मिल्ली मुस्लिम लीग जो कि मुंबई हमलों में शामिल रही, उसे अमेरिका ने विदेशी आतंकी फंडिंग की सूची में डाल दिया है। वहीं, पाकिस्तान इलेक्शन कमीशन ने भी पार्टी के उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा रखा है, जिसके बाद हाफिज सईद के उम्मीदवारों ने अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक के बैनर तले चुनाव लड़े रहे हैं।
5. पाकिस्तान में पांच दलों का एक गठबंधन है, जिसमें जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-एफ, जमात-ए-इस्लामी, जामियत उलेमा-ए-पाकिस्तान, इस्लामी तहरीक और मरकाजी जमीयत अहले हादिया दल शामिल हैं।
6. मुतहिदा मजलिस-ए-अमल ने देश में शरिया का समर्थन किया है। इस गठबंधन को जमीयत उलेमा-ए-इस्लामी के प्रमुख मौलाना फजरुल रहकार लीड कर रहे हैं।
7. टीएलपी पाकिस्तान की ओर से देश में ईश-निंदा के कानून को खत्म करने की हिमायत किया था। पाकिस्तान डेली डॉन न्यूज के मुताबिक टीएलपी ने देशभर में करीब 150 उम्मीदवार उतारे हैं।
8. क्रिकेटर ने राजनेता बने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के लिए इस बार का आम चुनाव काफी अहम रहने वाला है। इसकी वजह यह है कि इमरान खान की पार्टी की ओर से वर्ष 2017 में पीएम नवाज शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसके आधार पर उन्हें दोषी करार दिया गया। ऐसे में अगर पाकिस्तान में उनकी जीत होती है, तो यह उनकी दोहरी जीत होगी।
9. खान ने ऐलान किया कि वो पाकिस्तान में लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाएंगे और देश में नौकरियों देंगे। खान खैबर पख्तूनखां क्षेत्र में काफी अच्छी पकड़ रखते हैं। उन्होंने युवाओं से उनकी पार्टी को समर्थन मांगा।
10. अवामी नेशनल पार्टी अस्फंदयार अली खान ने इमरान खान की पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, उनकी पार्टी जरदारी के नेतृत्व वाली पीपीपी के साथ पिछले बार के चुनाव में गठबंधन किया था। उन्होंने पाकिस्तान में धार्मिक कट्टरता का विरोध किया है।