पहले श्रीलंका हारे, फिर करेंगे अभ्यास
भारत त्रिकोणीय एकदिवसीय सीरीज के फाइनल्स में पहुंच पाएगा या नहीं इसका फैसला आस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच कल मेलबर्न में होने वाले मैच पर निर्भर करेगा और इसलिए भारतीय खिलाडि़यों ने अभ्यास करने को तरजीह नहीं दी।
ब्रिसबेन। भारत त्रिकोणीय एकदिवसीय सीरीज के फाइनल्स में पहुंच पाएगा या नहीं इसका फैसला आस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच कल मेलबर्न में होने वाले मैच पर निर्भर करेगा और इसलिए भारतीय खिलाडि़यों ने अभ्यास करने को तरजीह नहीं दी।
भारत ने होबार्ट में 40 ओवर के अंदर 321 रन का लक्ष्य हासिल करके फाइनल्स में पहुंचने की संभावना बरकरार रखी है। भारतीयों ने फाइनल्स में पहुंचने की उम्मीद छोड़ दी थी और कुछ ने तो होबार्ट से ही स्वदेश के लिए वापसी का टिकट बुक करा लिया था। लेकिन यदि आस्ट्रेलिया कल श्रीलंका को हरा देता है तो धोनी की टीम फाइनल में पहुंच जाएगी। भारतीय टीम फिर से एक खिलाड़ी के दम पर जीत दर्ज कर पाई। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहले भी होता रहा है। कपिल देव ने 1983 विश्व कप में नाबाद 175 रन की पारी खेली तो गौतम गंभीर ने 2007 ट्वंटी-20 विश्व कप के फाइनल में 75 रन बनाए। युवराज सिंह ने विश्व कप 2011 में टीम को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई। विराट कोहली ने यही काम होबार्ट में किया। उन्होंने श्रीलंका के मुख्य गेंदबाज लसिथ मालिंगा को कुंद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मालिंगा के खतरनाक यार्कर को उन्होंने सीमा रेखा के दर्शन करवाए। उन्हें इसका इनाम एशिया कप के लिए उप कप्तान के रूप में मिला।
भारतीय बल्लेबाज अब भी पूरी तरह से फार्म में नहीं हैं। खिलाडि़यों को अपनी कमजोरियों को दूर करना चाहिए था लेकिन उन्होंने आस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच मैच को देखना ही बेहतर विकल्प समझा है।
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