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पहले शतक से मुश्किल थी उसके बाद वाली प्रेस कांफ्रेंस

सचिन तेंदुलकर ने महज 17 साल की उम्र में अपने पहले शतक की याद करते हुए कहा कि सैकड़ा बनाने से मुश्किल बाधा उनके लिए प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करना था। सचिन ने इसी माह मीरपुर [बांग्लादेश] में एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय करियर का सौवां शतक जमाया था।

By Edited By: Published: Mon, 26 Mar 2012 11:07 AM (IST)Updated: Mon, 26 Mar 2012 11:07 AM (IST)
पहले शतक से मुश्किल थी उसके बाद वाली प्रेस कांफ्रेंस

मुंबई। सचिन तेंदुलकर ने महज 17 साल की उम्र में अपने पहले शतक की याद करते हुए कहा कि सैकड़ा बनाने से मुश्किल बाधा उनके लिए प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करना था। सचिन ने इसी माह मीरपुर [बांग्लादेश] में एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय करियर का सौवां शतक जमाया था।

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तेंदुलकर ने 1990 में मैनचेस्टर टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ मैच बचाने वाली 119 रन की नाबाद पारी को याद करते हुए कहा, पहला शतक..मुझे याद है। मैं तब बल्लेबाजी करने गया जब टीम ने शायद 118 रन पर चार विकेट गंवा दिए थे वैसे [109 रन पर चार विकेट] मैंने दिमाग में जरूर यह सोचा कि मुझे कोशिश करनी चाहिए और नाबाद रहना चाहिए, यही उस समय की जरूरत थी। हमने चार विकेट गंवा दिए थे और सीनियर खिलाड़ी आउट हो गए थे। मैंने मनोज प्रभाकर [नाबाद 67] के साथ अच्छी भागीदारी की। तेंदुलकर ने कहा कि वह न्यूजीलैंड में अपने पहले शतक से चूकने के बाद इसमें सैकड़ा बनाना चाहते थे। उन्होंने कहा, मुझे अपने शाट चयन में सतर्क रहना पड़ा। मैं न्यूजीलैंड [फरवरी में नेपियर में 88 रन] में शतक से चूक गया था, मेरे दिमाग में यही चल रहा था। मैं अपना पहला शतक जड़ना चाहता था और साथ ही नाबाद भी रहना चाहता था। जब मैंने पहला शतक जड़ दिया था तो इससे बड़ी समस्या मेरे लिए तब हुई जब हमारे मैनेजर माधव मंत्री सर आए और मुझे बताया कि तुम जानते हो कि एक प्रेस कांफ्रेंस होगी। मैंने इससे पहले कभी एक भी प्रेस कांफ्रेंस में हिस्सा नहीं लिया था और नहीं जानता था कि इसमें क्या होगा।

मास्टर बल्लेबाज ने कहा, इसलिए मैंने मराठी में सर से पूछा काई होनार [क्या होगा?] वे क्या करेंगे। क्या हमें ऐसा करने की जरूरत है और उन्होंने कहा.. चिंता मत करो, मैं तुम्हारे साथ रहूंगा। मैं उन चीजों को याद करता हूं तो लगता है कि मेरा सफर काफी शानदार रहा है। क्रिकेट के भगवान तेंदुलकर यह 5ाविष्यवाणी नहीं करना चाहते हैं कि सौ अंतरराष्ट्रीय शतकों का उनका अजेय माना जा रहा रिकार्ड 1या क5ाी टूट पाएगा। लेकिन महान बल्लेबाज ने उ6मीद जताई कि जब 5ाी ऐसा हो, तो ऐसा करने वाला कोई 5ारतीय हो। उन्होंने साफ किया कि उनका हाल फिलहाल संन्यास लेने का इरादा नहीं है। एशिया कप में बांग्लादेश के 2िालाफ महाशतक जड़ने वाले तेंदुलकर ने कहा, मैं मानता हूं कि स5ाी रिकार्ड टूटने के लिए होते हैं। यह टूटेगा या नहीं इस बारे मे आप कैसे 5ाविष्यवाणी कर सकते है। मुझे नही लगता कि कोई ऐसी 5ाविष्यवाणी कर सकता है, लेकिन उ6मीद है जब 5ाी ऐसा हो, तो ऐसा करने वाला कोई 5ारतीय हो। संन्यास को लेकर चल रही चर्चाओं पर उन्होने कहा, मै जानता हू कि मुझे कब संन्यास लेना चाहिए। इस पर मै फैसला करूंगा। जब मैने शुरुआत की थी तब इसका फैसला किसी दूसरे ने नही किया था। जो मुझे संन्यास लेने की सलाह दे रहे है वे मुझे टीम में लेकर नहीं आए थे। जो कहते है कि आपको अपने चरम पर संन्यास लेना चाहिए वे स्वार्थी हैं। जब आप चरम पर होते हैं, तब आपको संन्यास लेने के बजाय देश की सेवा करनी चाहिए।

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