युग, काल व देश की सीमाओं से परे श्रीराम चरितमानस
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आदर्श नगर-बी में पांच दिवसीय श्रीराम क थामृत कार्यक्त्रम का आयोजन किया गया है
पटियाला। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आदर्श नगर-बी में पांच दिवसीय श्रीराम क थामृत कार्यक्त्रम का आयोजन किया गया है जिसमें आशुतोष महाराज की शिष्या अक्षदा भारती ने प्रथम दिवस कहा कि श्रीराम चरितमानस की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने चाहे कितने ही वर्ष पूर्व क्यों न की हो परंतु धर्म संस्थापना के जिस संदेश को वो धारण किए हुए हैं। वह हर युग, काल व देश की सीमाओं से परे है और वर्तमान युग की समस्त समस्याओं का निवारण प्रस्तुत करता है। संसार में कई रोग, शोक, जन्म, मृत्यु के अलावा, क्त्रोध, लोभ, मोह, अहंकार में फंसे मानव को सही मार्ग पर लाने के लिए प्रभु अवतार लेते हैं। प्रभु श्रीराम जगपालक व सृष्टि के नियामक तत्व है, जो साकार रूप धारण कर अयोध्या में अवतरित हुए। वह प्रत्येक मानव को उसके घट के भीतर ही अपने निराकार रूप का साक्षात्कार करवाते हैं। श्रीराम कथा आयोजन में संस्थान की ओर से अन्य साध्वियां भी पधारीं हैं।
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