तिब्बती परंपरा से शुरू हुआ 30 वां अंतरराष्ट्रीय काग्यू पूजा
शुक्रवार से तिब्बती परंपरा के अनुसार 30 वां अंतरराष्ट्रीय काग्यू मोनलम पूजा आरंभ हुआ। पूजा सुजाता बाईपास रोड स्थित तेरगा मोनास्ट्री के बगल में बने स्थायी भव्य पंडाल में 17 वें करमापा उज्ञने त्रिनले दोरजे के नेतृत्व में संचालित है। जिसमें कई अवतारी लामा भी शामिल हैं।
बोधगया। शुक्रवार से तिब्बती परंपरा के अनुसार 30 वां अंतरराष्ट्रीय काग्यू मोनलम पूजा आरंभ हुआ। पूजा सुजाता बाईपास रोड स्थित तेरगा मोनास्ट्री के बगल में बने स्थायी भव्य पंडाल में 17 वें करमापा उज्ञने त्रिनले दोरजे के नेतृत्व में संचालित है। जिसमें कई अवतारी लामा भी शामिल हैं। तेरगा मोनास्ट्री से पूजा आयोजन स्थल पहुंचे धर्मगुरु की आगवानी बौद्ध लामाओं ने पारंपरिक वाद्ययंत्र वादन व पूजा में शामिल श्रद्धालुओं ने खड़े होकर किया। मंच पर बने आसन पर बैठने से पूर्व करमापा पंडाल में की गई तैयारी का निरीक्षण किया। उसके बाद अपने आसन पर काली टोपी पहनकर बैठे। करमापा के पूर्व सचिव गेम्पो छेरिंग ने बताया कि धर्मगुरु पूजा के पहले सत्र में सभी को प्रतिज्ञा कराया और मोनलम के 20 शाखाओं का प्रार्थना की। दूसरे चरण में जीवन दीप पर विशेष प्रवचन दी। जिसमें उन्होंने मानव जीवन पाने के बाद कैसा कर्म करना चाहिए ताकि यह जीवन सार्थक हो। इस पर विशेष तौर पर प्रकाश डाला। उन्होंने इसके लिए कई उदाहरण भी दिए। तीसरे सत्र में धर्मगुरु ने मैत्रेय प्रार्थना की और चौथे सत्र में मोनलम के 20 शाखाओं पर पुन: प्रार्थना कर पहले दिन के पूजा की समाप्ति की। तिब्बती भाषा में संचालित इस पूजा का हिन्दी, अंग्रेजी सहित कई अन्य विदेशी भाषा में एफएम बैंड के माध्यम से अनुवादित किया जा रहा है। ठिठुरन भरी ठंड के बीच काफी संख्या में विभिन्न देशों के श्रद्धालु पूजा में भाग ले रहे हैं।
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