राहु और शनि ने मिलाया हाथ, मचेगी खलबली
नक्षत्र मंडल में ग्रहों के परिवर्तन से खलबली है। दो विषम ग्रह राहु और शनि एक ही घर में बैठने जा रहे हैं। दोनों एक साथ कुल 18 महीने रहेंगे। राहु के शनि से हाथ मिलाने के कारण उसकी शक्ति शनि के पास आ जाएगी।
इलाहाबाद। नक्षत्र मंडल में ग्रहों के परिवर्तन से खलबली है। दो विषम ग्रह राहु और शनि एक ही घर में बैठने जा रहे हैं। दोनों एक साथ कुल 18 महीने रहेंगे। राहु के शनि से हाथ मिलाने के कारण उसकी शक्ति शनि के पास आ जाएगी। ऐसी स्थिति 23 दिसंबर से बनने जा रही है। इस मिलन से प्रकृति में उथल पुथल की संभावना व्यक्त की जा रही।
ज्योतिष गणना के अनुसार ऐसा योग पूरे 147 वर्ष बाद बनने जा रहा है। इस योग से देश की राजनीति के प्रभावित होने की बात कही जा रही है। एक दो बड़े राजनेताओं पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। ग्रहों के इस परिवर्तन में राहु एवं केतु अपनी राशि बदलकर तुला व मेष में प्रवेश करेंगे। ज्योतिषाचार्य रामनरेश त्रिपाठी बताते हैं कि 23 दिसंबर की दोपहर एक बजे से राहु एवं केतु अपनी राशि बदलेंगे। राहु का राशि बदलना बेहद महत्वपूर्ण होगा क्योंकि राहु, शुक्त्र ग्रह के स्वामित्व वाली तुला राशि में जाएगा। जबकि शनि, तुला राशि में पहले से ही विराजमान है। माना जाता है कि शनि, राहु और शुक्त्र तीनों मित्र है। ऐसे में इन दोनों ग्रहों के शुक्त्र राशि में मिलने से लोगों के भाग्य में बड़ा उलटफेर होगा। साथ ही राजनीतिक दृष्टि से मुस्लिम देशों में आक्त्रमण की स्थिति पैदा करेगा। यह योग पहले शनि, राहु की युति, तुला राशि में सन् 1865 में बना था। 2012 के बाद अब यह योग सन् 2161 में 194 साल बाद बनेगा। ज्योतिर्विद हर्षमणि त्रिपाठी बताते हैं कि शनि पिछले एक वर्ष से तुला राशि में बैठा है। शनि एक राशि में पूरे ढाई वर्ष रहता है। अब इसी राशि में राहु प्रवेश कर रहा है। शनि और राहु इस राशि में पूरे 18 माह रहेंगे। उन्होंने कहा कि शनि और राहु की प्रकृति कमोबेश एक है लेकिन दोनों के साथ बैठने से शनि का प्रभाव बढ़ जाएगा। ऐसे में शनि प्रभावित लोग प्रभावी होंगे। राहु राजनीति पर असर डालने वाला ग्रह है ऐसे में शनि के साथ आ जाने से स्थितियां काफी परिवर्तित होंगी। इसी 18 माह में लोकसभा चुनाव की संभावना है ऐसे में इन ग्रहों की भूमिका नया गुल खिलाएगी।
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