पांच किमी दूर से भला कैसे पहुंचेंगे संगम!
तमाम आलोचनाओं के बाद गुरुवार को हुई महाकुंभ सलाहकार समिति की पहली बैठक में तीर्थ पुरोहितों का गुस्सा खुलकर सामने आ गया। वे मनमाने ढंग से किए जा रहे इंतजाम से खफा थे।
इलाहाबाद। तमाम आलोचनाओं के बाद गुरुवार को हुई महाकुंभ सलाहकार समिति की पहली बैठक में तीर्थ पुरोहितों का गुस्सा खुलकर सामने आ गया। वे मनमाने ढंग से किए जा रहे इंतजाम से खफा थे। बैठक में सवाल उठा कि कल्पवासियों को संगम से पांच किमी दूर बसाया जा रहा है। ये तीन बार स्नान करते हैं। इतनी दूरी तय करके वे संगम कैसे पहुंचेंगे। मेलाधिकारी मणि प्रसाद मिश्र के पास इसका कोई जवाब नहीं था।
आम तौर पर मेला की तैयारियां शुरू होने के साथ ही महाकुंभ सलाहकार समिति का गठन भी कर लिया जाता है। यह समिति तैयारियों के बाबत सुझाव देती है। इस बार मेला शुरू होने से मात्र एक माह पहले ही समिति का गठन किया गया जिसकी पहली बैठक गुरुवार को बुलाई गई थी। बैठक में सबसे पहले मेलाधिकारी ने तैयारियों का का ब्योरा देते हुए अब तक हुए विलंब के बाबत अपनी सपाई भी पेश की। हालांकि उन्होंने खुद भी स्वीकार किया कि वे तैयारियों से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। सलाहकार समिति का गठन न किए जाने के पीछे उन्होंने अखाड़ों के विवाद की आड़ ली। कहा कि चूंकि अखाड़ा परिषद दो भागों में बंटा हुआ था और उनके प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया जा सकता था, इसलिए समिति के गठन में विलंब हुआ।
गंगा स्तुति से शुरू हुई इस बैठक में मेलाधिकारी ने तैयारियों में विलंब का ठीकरा बजट में देरी, विधानसभा चुनाव और बारिश पर फोड़ा। इसके बाद एजेंडा पर बहस शुरू हुई, लेकिन तीर्थ पुरोहितों के आक्त्रोश में दबकर रह गई। एक सदस्य ने सीधे तौर पर कह दिया कि विभागों को मनमाने ढंग से जमीन दी गई जबकि श्रद्धालु उपेक्षित हैं। तीर्थ पुरोहितों की ओर से मधु चकहा, लाल वीरेंद्र ने कहा कि यह मेला श्रद्धालुओं के लिए है और उनके हितों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। प्रयाग धर्म संघ के अध्यक्ष राजेंद्र पालीवाल ने पिछले अर्धकुंभ और कुंभ की तरह कल्पवासियों को एक प्वाइंट बिजली नि:शुल्क देने की बात उठाई जिस पर सभी ने सहमति जताई। श्रद्धालुओं को सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने की मांग भी की गई।
सलाहकार सदस्य के रूप में उपस्थित विधायक अनुग्रह नारायण सिंह और शहर पश्चिमी के विधायक परवेज टंकी ने अपने क्षेत्र में तैयारियों की प्रगति पर असंतोष जताया। वरिष्ठ सदस्यों में न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय ने सुझाव दिया कि सदस्य अपनी शिकायतें लिखकर दें, ताकि प्रशासन उन्हें सहूलियत से हल कर सके। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मेला आरकेएस राठौर, अपर मेलाधिकारी आशुतोष द्विवेदी, जितेंद्र कुमार, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा प्रभारी डॉ.सुरेश द्विवेदी एवं सांसद डॉ.मुरली मनोहर जोशी के प्रतिनिधि नरेंद्र देव पांडेय, राकेश शुक्ला आदि उपस्थित रहे।
तय होनी चाहिए नीति और सीमा
महाकुंभ के लिए एक निश्चित नीति और जमीन की सीमा तय करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। मेलाधिकारी मणि प्रसाद मिश्र ने बताया कि उन्होंने इस बात की जरूरत महसूस की है। इससे भविष्य में तैयारियों को नियोजित ढंग से किया जा सकेगा। मेला के एक सदस्य ने भी उत्तराखंड में तीर्थ विकास निगम की तरह यहां एक निगम पर जोर दिया।
तीन स्थानों पर रोकी जाएगी भीड़
महाकुंभ के प्रमुख स्नान पर्वो पर तीन स्थानों पर भीड़ को रोका जाएगा। यह बड़े पार्किग स्थल होंगे।
मेलाधिकारी ने बताया कि यहां सिटी प्लाजा की तरह दुकानें होंगी, जिसमें जरूरत के सभी सामान मिल सकें। उन्होंने बताया कि भीड़ के आकलन के लिए सेटेलाइट मैपिंग की मदद ली जाएगी।
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