World Wrestling Championships2019: नौकरी की लालच में दीपक ने शुरू की थी कुश्ती, अब कहां से कहां पहुंच गए
World Wrestling Championships2019 दीपक पूनिया ने जब कुश्ती शुरू की थी तब उनका लक्ष्य इसके जरिये नौकरी पाना था जिससे वह अपने परिवार की देखभाल कर सकें।
नूर-सुल्तान (कजाखिस्तान), प्रेट्र। विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले भारतीय पहलवान दीपक पूनिया ने जब कुश्ती शुरू की थी तब उनका लक्ष्य इसके जरिये नौकरी पाना था, जिससे वह अपने परिवार की देखभाल कर सकें। वह काम की तलाश में थे और 2016 में उन्हें भारतीय सेना में सिपाही के पद पर काम करने का मौका मिला। लेकिन, ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने उन्हें छोटी चीजों को छोड़कर बड़े लक्ष्य पर ध्यान देने का सुझाव दिया और फिर दीपक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील ने दीपक के लिए प्रायोजक तलाशने में मदद की और कहा, 'कुश्ती को अपनी प्राथमिकता बनाओ, नौकरी तुम्हारे पीछे भागेगी।' दीपक ने दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम के अपने सीनियर पहलवान की सलाह मानी और तीन साल के भीतर आयु वर्ग के कई बड़े खिताब हासिल किए। दीपक के खेल में चार महत्वपूर्ण चीजें दिमाग, ताकत, किस्मत और मैट पर शरीर का लचीलापन है। वह काफी अनुशासित पहलवान हैं।
दीपक को बचपन से ही दूध पीना पसंद है और वह गांव में 'केतली पहलवान' के नाम से जाने जाते हैं। 'केतली पहलवान' के नाम के पीछे भी दिलचस्प कहानी है। गांव के सरपंच ने एक बार केतली में दीपक को दूध पीने के लिए दिया और उन्होंने एक बार में ही उसे खत्म कर दिया। उन्होंने इस तरह एक-एक कर के चार केतली दूध खत्म कर दिया, जिसके बाद से उनका नाम 'केतली पहलवान' पड़ गया। दीपक की मैट पर सफलता से परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। वह 2018 में भारतीय सेना में नायक सूबेदार के पद पर तैनात हुए। दीपक अब इस खेल से पैसे बनाना सीख गए हैं और उन्होंने पिछले साल एसयूवी कार खरीदी है।