महिला विश्व चैंपियनशिप: प्रदूषण ने किया विदेशी मुक्केबाजों को परेशान
निमानी ने स्वीकार किया कि उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
नई दिल्ली, जेएनएन। चैंपियनशिप में शामिल मुक्केबाज प्रदूषण से बचने के लिए इंडोर अभ्यास कर रहे हैं। 10वें एआइबीए महिला विश्व चैंपियनशिप की ब्रांड एंबेसडर मैरी ने कहा कि जब वह भी विदेश जाती हैं तो वहां के मौसम से सामंजस्य बैठाना पड़ता है और यही हमारी परीक्षा भी होती है।
प्रदूषण एक समस्या जरूर है, लेकिन इससे बचने के लिए सभी इंडोर अभ्यास कर रहे हैं। इस मौके पर मौजूद रियो ओलिंपिक की रजत पदक विजेता फिनलैंड की मीरा पोटकोनन ने कहा कि वह दूसरी बार भारत आई हैं। इससे पहले जनवरी में हुए इंडिया ओपन में हिस्सा लेने वह यहां आई थीं।
चैंपियनशिप की तैयारियों में जुटी मीरा सोमवार को ही दिल्ली पहुंची हैं। उन्होंने अपनी तैयारियों के बारे में बताया कि चैंपियनशिप की तैयारियों के लिए उन्होंने अमेरिका और फ्रांस में कैंप में अभ्यास किया और दो टूर्नामेंट खेले। अपनी तैयारियों से विश्वास से भरी हुई मीरा ने कहा कि मैं कुछ दिन में विश्व चैंपियन बनने के लिए तैयार हूं। दिल्ली की खराब हवा के बारे में फिनलैंड की इस मुक्केबाज ने कहा कि उनकी ट्रेनिंग हर जगह एक समान ही रहती हैं। वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है और इसी कारण वह इंडोर ट्रेनिंग कर रही हैं।
दिल्ली में प्रदूषण के चलते यहां रहने वालों को मुश्किल हो रही है। ऐसे में बाहर से आए खिलाडि़यों के लिए यह स्थिति और ज्यादा भयावह हो जाती है। यूरोपीय चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता अजीजे निमानी ने कहा कि यह मेरी पहली भारत यात्रा है। सच कहूं तो मुझे लगता है कि यह थोड़ा अधिक स्वच्छ होनी चाहिए थी लेकिन यहां के लोग काफी अच्छे हैं।
निमानी ने स्वीकार किया कि उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है। साल 2014 की स्वर्ण पदक विजेता बुल्गारियन मुक्केबाज स्नीमिरा पेत्रोवा ने कहा कि यहां की हवा बहुत प्रदूषित है जो हमारे लिए खतरनाक है। हमारे परिवार को इसी कारण हमारी चिंता हो रही है। यहां रहना बहुत मुश्किल है लेकिन हम किसी तरह बचने की कोशिश कर रहे हैं। फ्रांस के कोच एंथनी वेनीएनट ने टूर्नामेंट को दिल्ली के अलावा कहीं और कराने की अपील की थी लेकिन वह मानी नहीं गई।