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पीवी सिंधू व कमलप्रीत ने मेडल की आस बनाए रखी तो बॉक्सिंग व निशानेबाजी में मिली निराशा

वंदना कटारिया की ऐतिहासिक हैट्रिक की बदौलत भारतीय महिला हाकी टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से हराया। वंदना ने चौथे 17वें व 49वें मिनट में गोल दागे। वह ओलिंपिक के इतिहास में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 07:39 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 07:57 PM (IST)
पीवी सिंधू व कमलप्रीत ने मेडल की आस बनाए रखी तो बॉक्सिंग व निशानेबाजी में मिली निराशा
वंदना कटारिया ने ओलिंपिक में हैट्रिक गोल करके इतिहास रच दिया (एपी फोटो)

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। टोक्यो ओलिंपिक में शनिवार को एथलेटिक्स की महिला चक्का फेंक स्पर्धा में कमलप्रीत कौर ने फाइनल में पहुंचकर भारत की पदक की उम्मीद का दिया जलाए रखा। भारतीय महिला हाकी खिलाड़ी वंदना कटारिया ने भी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मिली 4-3 की जीत में हैट्रिक लेकर इतिहास रचा, जबकि महिला हाकी टीम भी क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में सफल रही।

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हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं वंदना : स्ट्राइकर वंदना कटारिया की ऐतिहासिक हैट्रिक की बदौलत भारतीय महिला हाकी टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से हराया। वंदना ने चौथे, 17वें व 49वें मिनट में गोल दागे। वह ओलिंपिक के इतिहास में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। हालांकि, इसके बाद ग्रेट ब्रिटेन ने आयरलैंड को 2-0 से हराकर भारत के लिए क्वार्टर फाइनल के दरवाजे खोल दिए।

31 खिलाड़ियों में दूसरे स्थान पर रहीं कमलप्रीत : चक्का फेंक में कमलप्रीत कौर ने अपने तीसरे प्रयास में 64 मीटर के थ्रो के साथ क्वालीफिकेशन दौर में दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल में जगह बनाई। दोनों पूल में 31 खिलाडि़यों को मिलाकर वह सिर्फ अमेरिका की वालारी आलमैन से पीछे दूसरे स्थान पर रहीं, जिन्होंने 66.42 मीटर का थ्रो फेंका। ऐसे में कमलप्रीत के पदक जीतने की संभावना काफी मजबूत हुई है। हालांकि, डिस्कस थ्रो में अनुभवी सीमा पूनिया अपने पूल में छठे स्थान पर रहकर फाइनल के लिए क्वालीफाई करने से चूक गई। एक अन्य भारतीय एथलीट श्रीशंकर लंबी कूद में ओवरआल 25वें स्थान पर रहते हुए फाइनल की दौड़ से बाहर हो गए।

अब कांस्य के लिए लड़ेंगी सिंधू : भारत को शनिवार को सबसे बड़ा झटका रियो ओलिंपिक की रजत पदक विजेता शटलर पीवी सिंधू की हार से लगा। उन्हें सेमीफाइनल में विश्व नंबर एक चीनी ताइपे की ताई जु यिंग ने 21-18, 21-12 से मात दी। हालांकि, सिंधू की उम्मीद अब कांस्य पदक के रूप में अपने दूसरे ओलिंपिक पदक पर होंगी।

मुक्केबाजी में दोहरी निराशा : मुक्केबाजी में भी भारत को दोहरी निराशा मिली। पदक के दावेदार माने जा रहे दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज अमित पंघाल (52 किग्रा) के प्री-क्वार्टर फाइनल में हारने के बाद पूजा रानी (75 किग्रा) को भी क्वार्टर फाइनल में हार का मुंह देखना पड़ा।

राह भटके अतानु के तीर : अतानु दास की हार के साथ तीरंदाजी में भारत की पदक की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गई। उन्हें व्यक्तिगत वर्ग के प्री-क्वार्टर फाइनल में जापान के ताकाहारू फुरूकावा से 4-6 से हार मिली।

निशानेबाज भी चूकीं : निशानेबाजी में अंजुम मौदगिल और तेजस्विनी सावंत महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन स्पर्धा में क्रमश: 15वें और 33वें स्थान पर रहकर फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहीं।

भारतीय हाकी को पुराना गौरव वापस दिलाने उतरेगी मनप्रीत की सेना

टोक्यो ओलिंपिक में अब सबकी नजरें रविवार को होने वाले पुरुष हाकी टीम के क्वार्टर फाइनल पर लगी होंगी, जहां मनप्रीत सिंह की अगुआई वाली टीम के कंधों पर भारतीय हाकी को उसका पुराना गौरव वापस दिलाने की जिम्मेदारी होगी।

ओलिंपिक में आठ स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष हाकी टीम ने 1980 के अपना अंतिम स्वर्ण पदक जीता था। उसके बाद से उसका पदक जीतना तो दूर, बल्कि अंतिम चार में जगह बनाना भी दूभर हो गया। अब जब मनप्रीत की सेना क्वार्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ उतरेगी तो उसका इरादा चार दशक बाद सेमीफाइनल में पहुंचने का होगा, ताकि वह पदक की दौड़ में खुद को बनाए रखे।


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