Move to Jagran APP

भारतीयों में खेल की समझ ना के बराबर, खेल मंत्री किरन रिजिजू का बयान

किरन रिजिजू ने कहा कि भारतीयों में और यहां तक कि संसद में उनके कुछ सहयोगियों को खेलों की समझ बेहद ही सीमित है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 06:32 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 06:32 PM (IST)
भारतीयों में खेल की समझ ना के बराबर, खेल मंत्री किरन रिजिजू का बयान
भारतीयों में खेल की समझ ना के बराबर, खेल मंत्री किरन रिजिजू का बयान

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। खेल मंत्री किरन रिजिजू ने खेल संस्कृति बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि भारतीयों में और यहां तक कि संसद में उनके कुछ सहयोगियों को खेलों की समझ बेहद ही सीमित है। रिजिजू इस बात को लेकर आश्चर्यचकित थे कि उनके सहयोगियों को लगा कि ज्योति कुमारी, कंबाला जॉकी श्रीनिवास गौड़ा और रामेश्वर गुर्जर जैसे सोशल मीडिया पर सुर्खियां पाने वाले ओलंपिक संभावित थे।

loksabha election banner

ज्योति कुमारी कोविड-19 के दौरान अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर गुरुग्राम से बिहार तक ले गई थी। कर्नाटक के गौड़ा के बारे में दावा किया गया था कि उन्होंने लगभग 11 सेकेंड में 100 मीटर कर दौड़ पूरी की। रिजिजू ने कहा, 'खेलों के बारे में भारतीय समाज में ज्ञान बहुत कम है। मैं अपने संसद के सहयोगियों को नीचा नहीं दिखाना चाहता हूं, लेकिन उन्हें भी इसका ज्ञान नहीं है। क्रिकेट के बारे में हर कोई जानता है, अंग्रेज लोगों ने हमारे दिमाग में डाल दिया है कि खेल में दूसरी टीम को हराना होता है। लेकिन इसके अलावा, कोई ज्ञान नहीं है, सब सिर्फ स्वर्ण पदक चाहते हैं।'

ज्योति के बारे में रिजिजू ने कहा, 'यह लड़की कोविड-19 के कारण पैदा हुई कठिन परिस्थितियों में अपने पिता को गुरुग्राम से बिहार तक साइकिल पर ले गई थी। यह दुखद बात थी लेकिन मेरे कुछ सहयोगियों ने ऐसी कल्पना की कि वह साइकिलिंग में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतेगी। देखिये ज्ञान की कमी लोग को इस तरह से सोचने के लिए मजबूर करती है, बिना यह जाने कि साइकिल के प्रारूप क्या हैं और ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के लिए क्या मानक हैं, बस कुछ भी बोलने से नहीं होगा।

इन सभी वर्षो में जिस चीज ने मुझे परेशान किया, वह यह था कि हम भारत में एक खेल संस्कृति क्यों नहीं बना पा रहे हैं। अभिनव बिंद्रा को बीजिंग में स्वर्ण मिला। हमारी हॉकी टीम मॉस्को में स्वर्ण पदक जीती थी। इससे खुशी होती है लेकिन ऐसे अधिक अवसरों के लिए कोई सामूहिक प्रयास नहीं होता है।'

चैंपियन बनाने के लिए हाई परफोरमेंस कार्यक्रम अहम : बिंद्रा

नई दिल्ली। भारत के एकमात्र व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने शनिवार को जोर दिया कि चैंपियन बनाने के लिए हाई परफोरमेंस कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण हैं। बिंद्रा ने ईएलएमएस खेल संस्थान और अभिनव बिंद्रा संस्थान द्वारा आयोजित हाई परफोरमेंस लीडरशिप कार्यक्रम को लांच करते हुए कहा, 'चैंपियनों को प्रणाली और प्रक्रियाओं के जरिये तैयार किया जाना चाहिए। अंत में जब प्रत्येक खिलाड़ी को अच्छी तरह ट्रेनिंग दी जाती है तो बहुत छोटी चीज ही अच्छे और बेहतरीन खिलाड़ी को अलग करती है।

हाई परफोरमेंस में खिलाडि़यों की भर्ती करने में, ट्रेनिंग में काफी बारिकी से ध्यान दिया जाता है ताकि सरंचनात्मक और जवाबदेह तरीके से चैंपियन तैयार किए जाएं।' देश के 50 से ज्यादा प्रतिभागियों को इस कोर्स के लिए नामांकित किया गया है जिसमें भारतीय खेल प्राधिकरण, राज्य सरकार, राष्ट्रीय खेल महासंघों और निजी क्षेत्र के व्यवसाय के अधिकारी हिस्सा लेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.