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सिंहराज अधाना ने पीएम नरेंद्र मोदी से कहा, आपका शासन रामराज की तरह है

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर टोक्यो पैरालिंपिक में भाग लेकर लौटे खिलाड़ियों की मेजबानी की। इस दौरान दो पदक जीतकर आए सिंहराज अधाना ने पीएम मोदी से कहा कि उनका शासन रामराज जैसा है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 07:46 AM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 07:46 AM (IST)
सिंहराज अधाना ने पीएम नरेंद्र मोदी से कहा, आपका शासन रामराज की तरह है
पीएम Narendra Modi ने पैरालिंपिक खिलाड़ियों की मेजबानी की

नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के टोक्यो पैरालिंपिक दल को अपने आवास पर गुरुवार को सुबह के नाश्ते पर बुलाकर उनकी मेजबानी की और खिलाडि़यों ने उन्हें अपने हस्ताक्षर वाला एक सफेद स्टोल भेंट किया जो उन्होंने गले में पहन रखा था। इस दौरान प्रधानमंत्री ने सभी खिलाड़ियों के साथ मुलाकात करके उनसे बातचीत की।

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टोक्यो में दो पदक जीतने वाले निशानेबाज सिंहराज अधाना ने प्रधानमंत्री से कहा कि खिलाड़ियों को आपसे बहुत सम्मान मिलता है। इसके साथ उन्होंने प्रधानमंत्री के सुशासन के प्रयासों की सराहना की और उनके शासन को रामराज्य की तरह बताया। खिलाड़ियों ने पीएम से कहा कि वे 2024 पेरिस पैरालिंपिक में टोक्यो से ज्यादा पदक जीतेंगे।

पीएम ने मुलाकात के दौरान स्वर्ण पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर से कहा कि उन्होंने उनका मैच लाइव देखा था। पीएम को गर्व है कि कृष्णा ने अपना पदक कोरोना वारियर्स को समíपत किया। अन्य बैडमिंटन खिलाड़ी मनोज सरकार ने कहा कि उन्हें गर्व है कि वह उत्तराखंड से पैरालिंपिक में पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी हैं।

भारतीय पैरा एथलीट पांच स्वर्ण, आठ रजत और छह कांस्य समेत 19 पदक जीतकर टोक्यो से लौटे जो अब तक खेलों में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत पदक तालिका में 24वें स्थान पर रहा। मोदी ने बैडमिंटन खिलाडि़यों रजत पदक विजेता नोएडा के जिलाधिकारी सुहास एल यतिराज और युवा पलक कोहली से भी बात करते दिखे।

प्रधानमंत्री मोदी ने अनुभवी भाला फेंक खिलाड़ी देंवेंद्र झाझरिया और ऊंची कूद के खिलाड़ी मरियप्पन थंगावेलू से भी बात की।

इस दल में पैरा-एथलीटों के साथ-साथ उनके कोच भी शामिल थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि खिलाडि़यों की अनूठी उपलब्धियों से देश में समस्त खेल समुदाय का मनोबल काफी ऊंचा होगा और नवोदित खिलाड़ी विभिन्न खेलों में पूरे जज्बे के साथ भाग लेने हेतु आगे आने के लिए प्रोत्साहित होंगे। अपने तपस्या, पुरुषार्थ और पराक्रम के जरिये पैरा-एथलीटों ने लोगों का उनके प्रति नजरिया बदल दिया है।

जो खिलाड़ी पदक नहीं जीत सके, उनका मनोबल बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक सच्चा खिलाड़ी हार या जीत से प्रभावित हुए बिना आगे बढ़ता रहता है। वे देश के राजदूत हैं और उन्होंने अपने उल्लेखनीय प्रदर्शन से विश्व मंच पर राष्ट्र का मान बढ़ाया है।


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