Tokyo Olympics: टोक्यो में खेलों के महाकुंभ का शंखनाद आज से, जानिए क्या है इस ओलिंपिक की खास बातें
Tokyo Olympics ओपनिंग सेरेमनी का का आयोजन शुक्रवार को किया जाएगा। इस बार ओपनिंग सेरेमनी में दर्शक स्टेडियम में मौजूद नहीं रहेंगे। इस बार 127 एथलीट के साथ भारत का अभी तक ओलिंपिक में सबसे बड़ा दल भाग ले रहा है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। टोक्यो में खेलों के महाकुंभ यानी ओलिंपिक का शुक्रवार को आगाज होगा। कोरोना महामारी के कारण इन खेलों का आयोजन एक साल विलंब से हो रहा है, जिसमें 206 देशों से करीब 11000 से अधिक एथलीट 33 खेलों की 339 स्पर्धाओं में पदक जीतने के लिए अपना दमखम लगाएंगे।
जिल बाइडेन होंगी आकर्षण का केंद्र : ओलिंपिक का उद्घाटन समारोह टोक्यो के राष्ट्रीय स्टेडियम में किया जाएगा। समारोह के दौरान किसी दर्शक को शामिल नहीं किया जाएगा। मेहमान देशों को सम्मानित करने के लिए अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। साथ ही ओलिंपिक परेड और मार्च पास्ट होगा, जहां सभी देशों के दल अपना झंडा लहराते हुए आगे बढ़ेंगे। इस दौरान अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडेन (अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की पत्नी) आकर्षण का केंद्र रहेंगी, जिन्होंने कोरोना के बावजूद उद्घाटन समारोह में जाने का फैसला किया।
पहली बार दो ध्वज वाहक : इस बार दिग्गज मुक्केबाज एमसी मेरी कोम और पुरुष हाकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह उद्घाटन समारोह के लिए भारत के ध्वजवाहक होंगे। यह पहली बार होगा जब सभी देशों के दो ध्वजवाहक होंगे। परेड में भाग लेने वाले देश जापानी वर्णानुक्रम के मुताबिक मार्च के लिए कतार में खड़े होंगे, जिसमें भारत 21वें स्थान पर होगा। चूंकि अगले दिन (24 जुलाई) से कई भारतीय खिलाडि़यों की स्पर्धा शुरू होने वाली हैं, इसलिए परेड के दौरान भारत का पूरा दल शामिल नहीं होगा। हालांकि मुक्केबाजी, टेबल टेनिस, नौकायन, जिम्नास्टिक और तलवारबाजी टीमों के 20 एथलीट व छह अधिकारी सहित कुल 26 लोग परेड में नजर आएंगे। मनप्रीत को छोड़कर पुरुष और महिला हाकी टीमें और निशानेबाजी, भारोत्तोलन, बैडमिंटन, टेनिस और जूडो के खिलाड़ी उद्घाटन समारोह से नदारद रहेंगे।
नंबर गेम :
-32वीं बार ओलिंपिक होंगे, लेकिन इस बार दर्शक नदारद रहेंगे।
-5 नए खेल सर्फिग, स्केटबोर्डिंग, स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग, कराटे और बेसबाल इस बार शामिल किए गए हैं।
-1964 में भी जापान के टोक्यो में ओलिंपिक हो चुके हैं।
-127 एथलीट के साथ भारत का अभी तक ओलिंपिक में सबसे बड़ा दल भाग ले रहा है।
खास बात :
--इलेक्ट्रानिक कचरे से बनाए गए हैं पदक। पदक के पीछे के हिस्से में टोक्यो ओलिंपिक का लोगो है, जबकि आगे स्टेडियम की तस्वीर के सामने विजय का प्रतीक माने जाने वाली ग्रीक देवी नाइक को दर्शाया गया है।
--जापान सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए टोक्यो में आपातकाल जारी रखने की घोषणा की है, जो पूरे ओलिंपिक खेलों के दौरान जारी रहेगा।
--टोक्यो ओलिंपिक खेलों के शुभंकर को मिराइतोवा और सोमाइटी नाम दिया गया है। इसे खास जापानी इंडिगो ब्लू रंग का पैटर्न दिया गया है। जापानी शब्द मिराइतोवा में मिराइ का अर्थ भविष्य और तोवा का अर्थ अनंत काल होता है।
--एक साल देर से होने के चलते जापान को तीन बिलियन डालर (करीब दो लाख करोड़) का अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ा। इस तरह कुल मिलाकर जापान ने 15.4 बिलियन डालर (करीब 11 लाख करोड़ रुपये) खर्च किए हैं।
--टोक्यो ओलिंपिक में प्रायोजकों से 3.3 बिलियन डालर (करीब 2457 करोड़ रुपये) की कमाई हुई है, जो अभी तक के सबसे अधिक प्रायोजकों द्वारा कमाई करने वाले खेल बने हैं।