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Tokyo Olympics: ओलिंपिक में मेडल जीतना सपना सच होने जैसा, यह मेरे देश को समर्पित- मीराबाई चानू

टोक्यो ओलिंपिक में रजत पदक जीतने के बाद भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने शनिवार को कहा कि यह सपना सच होने जैसा है और उनकी जीत के लिए प्रार्थना करने के लिए पूरे देश को धन्यवाद दिया। मीराबाई चानू ने शनिवार को भारत को पहला पदक दिलाया।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 03:30 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 04:46 PM (IST)
Tokyo Olympics: ओलिंपिक में मेडल जीतना सपना सच होने जैसा, यह मेरे देश को समर्पित-  मीराबाई चानू
भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलिंपिक में रजत पदक जीता।

नई दिल्ली, एएनआइ। टोक्यो ओलिंपिक में रजत पदक जीतने के बाद, भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने शनिवार को कहा कि यह सपना सच होने जैसा है और उनकी जीत के लिए प्रार्थना करने के लिए पूरे देश को धन्यवाद दिया। मीराबाई चानू ने शनिवार को टोक्यो ओलिंपिक में महिला 49 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीतकर भारत को पहला पदक दिलाया। इसके बाद उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा कहा, 'यह वास्तव में मेरे लिए सपना सच होने जैसा है। मैं इस पदक को अपने देश को समर्पित करना चाहता हूं और इस सफर के दौरान मेरे साथ देने के लिए भारतीयों की अरबों प्रार्थनाओं को धन्यवाद देना चाहती हूं। मैं अपने परिवार को विशेष रूप से मेरी मां को मुझपर विश्वास करने और त्याग के लिए को धन्यवाद देना चाहती हूं।'

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चानू ने आगे कहा, 'इस सफर में निरंतर समर्थन के लिए हमारी सरकार, खेल मंत्रालय, साई, आइओए, वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया, रेलवे, ओजीक्यू, प्रायोजकों और मे मार्केटिंग एजेंसी आइओएस का समर्थन करने के लिए विशेष धन्यवाद। मैं अपने कोच विजय शर्मा सर और सहयोगी स्टाफ को उनकी निरंतर कड़ी मेहनत, प्रेरणा और प्रशिक्षण के लिए विशेष धन्यवाद देना चाहती हूं। एक बार फिर से पूरी भारोत्तोलन बिरादरी और मेरे सभी देशवासियों को धन्यवाद।'

अपने चार सफल प्रयासों के दौरान चानू ने कुल 202 किग्रा (स्नैच में 87 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 115 किग्रा) भार उठाया। चीन की होऊ झीहुई ने कुल 210 किग्रा उठाकर स्वर्ण पदक जीता और एक नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया, जबकि इंडोनेशिया की विंडी केंटिका आइसा ने कुल 194 किग्रा उठाकर कांस्य पदक जीता। रजत पदक जीतने के साथ, चानू ओलंपिक पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय भारोत्तोलक बन गई हैं। इससे पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने 2000 सिडनी खेलों में 69 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था, जब पहली बार भारोत्तोलन क्षेत्र महिलाओं के लिए खोला गया था।


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