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भारतीय तीरंदाज और निशानेबाजों ने Tokyo Olympics 2020 में किया निराश

ओलिंपिक के लिए 126 भारतीय एथलीटों वाले दल में पहली बार 15 निशानेबाज शामिल थे। साई और भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआएआइ) ने करोड़ो रुपये निशानेबाजों पर खर्च किए लेकिन पदक तो छोड़िये सौरभ चौधरी के अलावा कोई भी निशानेबाज क्वालिफिकेशन दौर से ही आगे नहीं बढ़ पाया।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 08:19 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 08:19 PM (IST)
भारतीय तीरंदाज और निशानेबाजों ने Tokyo Olympics 2020 में किया निराश
भारत की महिला शूटर मनु भाकर (एपी फोटो)

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। इस बार भारतीय निशानेबाजों और तीरंदाजों से सबसे ज्यादा उम्मीद थी। केंद्र सरकार के तहत आने वाले भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने इनकी तैयारियों को लेकर अपनी तरफ से पूरे प्रयास भी किए लेकिन न ही इनके तीर चले और न ही गोली।

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ओलिंपिक के लिए 126 भारतीय एथलीटों वाले दल में पहली बार 15 निशानेबाज शामिल थे। साई और भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआएआइ) ने करोड़ो रुपये निशानेबाजों पर खर्च किए लेकिन पदक तो छोड़िये सौरभ चौधरी के अलावा कोई भी निशानेबाज क्वालिफिकेशन दौर से ही आगे नहीं बढ़ पाया। यही सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा और महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में अंजुम मौदगिल और तेजस्विनी सावंत क्रमश: 15वें और 33वें स्थान पर रहते हुए फाइनल्स में जगह बनाने में नाकाम रहीं।

ओलिंपिक में गया भारत का निशानेबाजी दल : अंजुम मौदगिल, अपूर्वी चंदेला, दिव्यांश सिंह पंवार, दीपक कुमार, तेजस्विनी सावंत, संजीव राजपूत, ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर, मनु भाकर, यशस्विनी सिंह देसवाल, सौरभ चौधरी, अभिषेक वर्मा, राही सरनोबत, इलावेनिल वलारिवान, अंगद वीर सिंह बाजवा और मैराज अहमद खान।

तीरंदाजों का भी डब्बा गोल

शनिवार को भारतीय तीरंदाज अतानु दास की हार के साथ इस स्पर्धा में भी भारत के पदक की झोली खाली रही। अतानु दास को तीरंदाजी की व्यक्तिगत स्पर्धा के प्री-क्वार्टर दौर में जापान के ताकाहारू फुरुकावा ने 4-6 से हराया। इस तरह चार तीरंदाजों को ओलिंपिक तक पहुंचाने और उनकी तैयारी में हर कदम साथ देने वाली संस्था भारतीय खेल प्रधिकरण (साई) के प्रयासों पर पानी फेर दिया।

दुनिया की नंबर एक तीरंदाज दीपिका कुमारी के क्वार्टर फाइनल में हारने के बाद भारत की उम्मीदें उनके पति अतानु दास पर ही टिकी थी। पिछले मैच में लंदन ओलिंपिक के स्वर्ण पदक विजेता ओ जिन हयेक को हराने के बाद दास टीम वर्ग का कांस्य जीत चुके जापानी तीरंदाज को नहीं हरा सके। जबकि इसके अलावा दीपिका की जोड़ी भी अंतिम समय में मिक्स्ड डबल्स स्पर्धा के लिए उनके पति अतानु दास की जगह प्रवीण जाधव के साथ बनाई गई थी। लेकिन इसके बाद भी पदक नहीं मिला। वहीं पुरुषों की रिकर्व स्पर्धा में भी तीरंदाजों ने निराश किया और इस तरह वह ओलिंपिक से बिना पदक के लौटेंगे।

साई ने खूब की मदद

-साई ने तीरंदाजी संघ के मान्यता प्रात ना होने पर भी तीरंदाजों के खेल में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं होने दी।

-2019 के बाद से साई ने लगातार अभ्यास कैंप कराए। इसके साथ ही तीरंदाजों को साई ने 2019 में टाप्स की कोर (प्रमुख) टीम में जगह भी दी।

-2019 विश्व चैंपियनशिप से सरकारी खर्चे पर टीम के साथ मनोचिकित्सक जाता रहा।

-इसके अलावा साल 2018 से सूबेदार मीम बहादुर तीरंदाजों के कोच बने हुए हैं। हालांकि इन सबके बावजूद तीरंदाज देश को एक भी पदक नहीं दिला सके।

-2019 से टीम को मेंटल ट्रेनर दिया गया जो दीपिका को 2017 से और अतानु व तरुणदीप राय को 2018 से प्रशिक्षण दे रहे हैं।

-सरकार ने प्रशिक्षण के लिए टोक्यो जैसी सुविधा सुनिश्चित की और इसके लिए फंड दिया।

भारत का तीरंदाजी दल :- दीपिका कुमारी, अतानु दास, प्रवीण जाधव, तरुणदीप राय

-2016 से अभी तक 32 ओलिंपिक निशानेबाजों पर टारगेट ओलिंपिक पोडियम स्कीम (टाप्स) के तहत खर्च - 44.41 करोड़ रुपये।

-2019 से अभी तक भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ द्वारा एनुअल कैलेंडर ट्रेनिंग एंड कंपटीशन (एसीटीसी) के तहत किया गया खर्च-55 करोड़ रुपये।

विदेशी कोच

ओलेग मिखालिव(पिस्टल) की तनख्वाह-5,62,500 रुपये (प्रति माह)

पावेल स्मिर्नोव (राइफल) की तनख्वाह- 5,62,500 रुपये (प्रतिमाह)


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