जिस उम्र में बच्चे बोलना सीखते हैं, उसमे इस बच्ची ने ठोक दिया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का दावा
संजना के कोच ने बताया वह पिछले 3 महीने से स्कूल के बाद लगातार अभ्यास कर रही थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। जरा सोचिए, तीन साल की उम्र में आप अपने बच्चे से क्या उम्मीद करते हैं, शायद यही कि वह अपने पैर पर ठीक से खड़ा हो जाए या वह अच्छे से बोलने लगे। हो सकता है कि शायद आप उसे प्ले स्कूल में भेजने के बारे में सोचने लगे। सही बोला ना, लेकिन चेन्नई की केवल 3 साल की लड़की ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए केवल 3 घंटे और 30 मिनट में 1 हजार एक सौ ग्यारह तीर निशाने पर लगाए। इस नन्ही लड़की का नाम है कि पी संजना।
संजना ने 8 मीटर की दूरी से ज्यादातर तीर निशाने पर लगाए। आपको हैरानी होगी कि इस दौरान इस खिलाड़ी के पैर में भी चोट लगी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपना टारगेट पूरा करके ही दम लिया। इस कमाल को करने के बाद इस छोटी सी तीरदांज ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं।। मैं ना तो थकी हूं और ना ही मुझे दर्द हो रहा है। मेरा लक्ष्य तो बस देश के लिए ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है।
Tamil Nadu: Sanjana,a 3-year-old girl from Chennai attempted Guinness World Record by shooting 1,111 arrows in 3&half hours.Shihan Hussaini,Sanjana's coach says,"When her parents brought Sanjana, I could instantly feel the fire in her. I knew there was a child prodigy in making." pic.twitter.com/JeZcA3DH9m — ANI (@ANI) August 18, 2018
इस रिकॉर्ड को बनाने के दौरान संजना ने हर घंटे में केवल 5 मिनट का ब्रेक लिया। इस खिलाड़ी के कोच शिहान ने बताया कि दो घंटे बाद वह बुरी तरह थक गई थी लेकिन उसने हार नहीं मानी। यह उसकी दृढ इच्छी और फोकस था कि उन्होंने ये कमाल किया। इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि उसमें ओलंपियन बनने की पूरी काबिलियत है। राज्य सरकार को उसे हर मुमकिन सुविधा देनी होगी।
संजना के पिता प्रेमनाथ चेन्नई के सरकारी हॉस्पिटल में काम करते हैं और उनकी मां ग्रहणी है। केवल तीन साल की उम्र में उनका तीरंदाजी में रुचि देखते हुए उन्हें इस फील्ड में ही भेजने का फैसला किया। संजना के पिता ने भी कहा कि इस छोटी सी बच्ची में काफी काबिलियत है और वह एक दिन भारत का ओलंपिक में प्रतिनिधित्व जरुर करेगी।
संजना के कोच ने बताया वह पिछले 3 महीने से स्कूल के बाद लगातार अभ्यास कर रही थी। अगर बच्चों को सपोर्ट मिले तो उनमें एक साथ कई काम करने की काबिलियत होती है। संजना जब ये रिकॉर्ड बना रही थी तो करीब 200 बच्चे उनका हौंसला बढ़ा रहे थे
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