जानिए क्या होता है हेप्टाथलन, जिसमें भारत की स्वप्ना ने गोल्ड मेडल जीतकर रचा इतिहास
स्वप्ना बर्मन हेप्टाथलन में भारत के लिए स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ये खेल होता क्या है?
नई दिल्ली, जेएनएन। स्वप्ना बर्मन ने महिलाओं की हेप्टाथलन का स्वर्ण जीतकर इतिहास रचा। वह हेप्टाथलन में भारत के लिए स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। दांत दर्द के बीच खेलने उतरीं स्वप्ना के पिता एक समय रिक्शा चलाया करते थे। भारत में कम ही लोग इस खेल के बारे में जानते हैं, चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ये खेल होता क्या है?
क्या होता है हेप्टाथलन?
हेप्टाथलन में सात स्पर्धाएं होती हैं और ये खेल पुरुष और महिलाओं दोनों ही खेलते हैं। महिलाओं के लिए, हेप्टाथलन 100 मीटर बाधाओं, लंबी कूद, जवेलिन थ्रो, 200 मीटर ऊंची कूद, 800 मीटर और गोला फेंक डालकर बना है। पुरुषों की इनडोर प्रतियोगिताओं के लिए, हेप्टाथलन में 60 मीटर, 1,000 मीटर, शॉट पॉट, 60 मीटर बाधाएं, ऊंची कूद, लंबी कूद और ध्रुव वॉल्ट शामिल हैं।
हाईजंप और जेवलिन थ्रो में पहले नंबर पर रहीं स्वप्ना
स्वप्ना ने सात स्पर्धा के बाद 6026 अंकों के साथ स्वर्ण पर कब्जा जमाया। इस दौरान वह ऊंची कूद (1003 अंक) और भाला फेंक (872 अंक) स्पर्धा में पहले स्थान पर रहीं, जबकि गोला फेंक (707 अंक) और लंबी कूद (865 अंक) में दूसरे स्थान पर रहीं। उन्होंने 100 मीटर (981 अंक) और 200 मीटर (790 अंक) की स्पर्धा में निराश किया, जहां उन्हें क्रमश: पांचवें और सातवें स्थान से संतोष करना पड़ा।
सात स्पर्धाओं के आखिरी मुकाबले यानी 800 मीटर की दौड़ में जाने से पहले वह दूसरे स्थान पर काबिज चीन की वांग से 64 अंकों की बढ़त पर थीं। इस स्पर्धा में स्वप्ना चौथे स्थान पर रहीं, लेकिन 808 अंक लेकर ओवरऑल शीर्ष स्थान हासिल किया। चीन की वांग (5954 अंक) ने रजत, जबकि जापान की यामासाकी युकी (5873 अंक) ने कांस्य पदक जीता। इस स्पर्धा में भारत की पूर्णिमा (5837 अंक) चौथे स्थान पर रहीं।
जीत के बाद ये बोली स्वप्ना
मैंने खेल दिवस पर स्वर्ण जीता है। इसलिए यह बेहद खास है। मेरे दोनों पैरों में छह-छह अंगुलियां हैं। मैं सामान्य जूतों का ही इस्तेमाल करती हूं। अभ्यास के दौरान इससे मुझे बहुत दर्द होता है। यह बहुत ही असहज है।
इन्होंने भी हेप्टाथलन में जीते हैं पदक
स्वप्ना से पहले एशियन गेम्स की इस स्पर्धा में भारत की सोमा विश्वास और जेजे शोभा और प्रमिला अयप्पा ने पदक जीते थे। 2002 के एशियन गेम्स में विश्वास ने रजत और शोभा ने कांस्य पदक जीता था और फिर 2006 में भी इन दोनों ने इस प्रदर्शन को दोहराया। 2010 के एशियन गेम्स में प्रमिला ने कांस्य जीता था।