राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए खेल मंत्रालय ने नामांकन आमंत्रित किए
इस साल के अर्जुन और खेल रत्न पुरस्कारों के लिए जनवरी 2016 से दिसंबर 2019 तक के प्रदर्शन पर विचार किया जाएगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। खेल मंत्रालय ने कोविड-19 के कारण लॉकडाउन को देखते हुए इस साल राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के दावेदारों से ईमेल के जरिये नामांकन भेजने को कहा है क्योंकि मंत्रालय राजीव गांधी खेल रत्न सहित अन्य खेल पुरस्कारों के लिए चयन की प्रक्रिया शुरू कर रहा है। आम तौर पर अप्रैल में शुरू होने वाली यह प्रक्रिया लॉकडाउन के कारण मई तक खिसक गई थी। लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो चुका है, जो 17 मई तक चलेगा।
मंत्रालय के अनुसार, लॉकडाउन के चलते नामांकन की कागजी प्रति भेजने की जरूरत नहीं है। नामांकन की आवेदक और सिफारिश करने वाले अधिकारियों के हस्ताक्षर वाली स्कैन प्रति आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि से पूर्व भेजी जा सकती है। नामांकन जमा कराने की अंतिम तारीख तीन जून तय की गई है। अंतिम तारीख के बाद मिलने वाले नामांकन पर गौर नहीं किया जाएगा। किसी भी विलंब के लिए मंत्रालय जिम्मेदार नहीं होगा। राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों में विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जाता है। इस साल के अर्जुन और खेल रत्न पुरस्कारों के लिए जनवरी 2016 से दिसंबर 2019 तक के प्रदर्शन पर विचार किया जाएगा।
आइओए ने अभ्यास शुरू करने के लिए खिलाडि़यों और कोचों से सुझाव मांगे
नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) ने राष्ट्रीय शिविरों को फिर से शुरू करने को लेकर मंगलवार को खिलाडि़यों और कोचों से सुझाव मांगे।
राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) और राज्य ओलंपिक संघों को कहा गया है वे हितधारकों जैसे खिलाडि़यों, कोच, सहयोगी स्टाफ, केंद्रीय और राज्य सरकार के मंत्रियों, मैच अधिकारियों और खेल प्रशासकों से इस पर फीडबैक लें कि अभ्यास कैसे और कब शुरू किया जाना चाहिए।
देश भर में लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ा दिया गया है। आइओए अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा की अगुआई में श्वेत पत्र तैयार करने के लिए इस फीडबैक को एकत्रित और संकलित किया जाएगा। मंगलवार को जारी दस्तावेज में कहा गया है कि हमें पता करना होगा कि आगे बढ़ने का रास्ता क्या है और खिलाड़ी खेल गतिविधियों, अभ्यास और आखिर में प्रतियोगिताओं में कैसे हिस्सा ले सकते हैं।
खेल मंत्री किरन रिजिजू भी इस महीने के आखिर में राष्ट्रीय शिविरों को चरणबद्ध तरीके से खोलने की बात कर चुके हैं। आइओए ने हालांकि स्पष्ट किया कि केंद्र और राज्य सरकारों की सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों के अनुसार ही खेलों को फिर से शुरू करना होगा।
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