भारत में अच्छा काम कर रहा है NBA: रॉबर्ट होरी
भारत में बास्केटबॉल के भविष्य पर रॉबर्ट होरी से विकास पांडेय ने बात की
नई दिल्ली, विकास पांडेय। सात बार के एनबीए चैंपियन रॉबर्ट होरी इन दिनों भारत में हैं और यहां बच्चों को अपने अनुभव से अपने जैसा स्टार बनने में मदद कर रहे हैं। एनबीए के मौजूदा सत्र में सोनी टेन नेटवर्क पर वह विशेषज्ञ की भूमिका निभा रहे हैं। भारत में बास्केटबॉल के भविष्य पर रॉबर्ट होरी से बातचीत। पेश हैं प्रमुख अंश
भारत में क्रिकेट का माहौल है, क्या आपको लगता है कि बास्केटबॉल भारत में अपनी पहचान बना सकता है?
भारत में एनबीए अच्छा काम कर रहा है। छह साल पहले 3 गुणा 3 बास्केटबॉल शुरू हुई थी जिसने पहली बार भारत में बास्केटबॉल के स्वाद से यहां के लोगों को अवगत कराया था। सोशल मीडिया की वजह से अब यहां के लोगों को पता चल रहा है कि भारत में भी बास्केटबॉल की कितनी प्रतिभाएं छुपी हुई हैं। जमीनी स्तर पर एनबीए की शुरुआत हो चुकी है।
अब भारत में बच्चे आकर बास्केटबॉल खेल रहे हैं और क्रिकेट के अलावा दूसरे खेलों के बारे में भी अनुभव कर रहे हैं। यह एक आसान खेल है और यह ना सिर्फ पुरुषों के लिए, बल्कि महिलाओं के लिए भी अच्छा खेल है।
बास्केटबॉल खिलाड़ी बनने के लिए सबसे अहम क्या है। क्या लंबाई इसकी सबसे पहली प्राथमिकता है?
बिलकुल भी नहीं। बास्केटबॉल में लंबाई को लेकर लोग भ्रमित रहते हैं। लोग सोचते हैं कि वह लंबा है तो वह बास्केटबॉल खेल सकता है। मैं कई ऐसे खिलाडि़यों के नाम गिना सकता हूं जो अच्छी लंबाई के नहीं थे, फिर भी वे सफल हुए। उन्हीं में से एक मुगसी बोग्यूस थे।
बास्केटबॉल में ज्यादातर ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी लंबाई साढ़े छह फुट से ज्यादा है, लेकिन खिलाड़ी बनने के लिए काबिलियत होनी सबसे ज्यादा जरूरी है। अगर आपको पास, ड्रिबल, और शूट करना आता है तो आप एक अच्छे बास्केटबॉल खिलाड़ी बन सकते हैं।
एनबीए का मौजूदा सत्र शुरू हो चुका है। हालिया दौर में आपका सबसे पसंदीदा खिलाड़ी कौन है?
मेरा कोई पसंदीदा खिलाड़ी नहीं है। मैं एनबीए में सभी को खेलते देखना पसंद करता हूं। कई खिलाड़ी अलग-अलग वजह से खास हैं। जेम्स हार्डेन और स्टीफन करी जैसे कई खिलाड़ी हैं जो अपनी अलग-अलग स्तर के खेल की वजह से खास हैं।
आप दूसरी बार भारत आए हैं। आपको यहां सबसे ज्यादा अच्छा क्या लगा ?
यहां की संस्कृति और खाना मुझे अच्छा लगा। यहां के लोग बहुत अच्छे और मिलनसार हैं। मैं जब भी यहां आता हूं तो मुझे यहां अलग अनुभव हासिल होता है। मैं इतिहास में दिलचस्पी रखता हूं तो मुझे यहां का इतिहास भी पसंद है।
क्या आप सचिन तेंदुलकर या विराट कोहली के बारे में जानते हैं?
मैं क्रिकेट के बारे में जानता हूं। एक बार मैं लंदन में मैच देख रहा था। तब मुझे इससे लगाव हो गया। मैं इसके नियमों और किसी भी क्रिकेटर के बारे में नहीं जानता हूं।