साइना व सिंधू को एक साथ संभालना मुश्किल था : पुलेला गोपी
मेरे लिए यह मुश्किल था लेकिन मैं संभालने में सफल रहा। दोनों का सफर अलग-अलग है और दोनों अपने तरीके से चैंपियन हैं।
कोलकाता, प्रेट्र। भारतीय बैडमिंटन के मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने शुक्रवार को यह माना कि साइना नेहवाल और पीवी सिंधू को एक साथ संभालना उनके लिए मुश्किल था और वह इन दोनों खिलाडि़यों में से किसी एक को अपना चहेता नहीं चुन सकते थे। गोपीचंद ने टाटा स्टील साहित्य उत्सव समारोह में कहा कि मैं सपने में भी यह नहीं कह सकता हूं कि दोनों में से कोई एक मेरा चहेता है।
मेरे लिए यह मुश्किल था, लेकिन मैं संभालने में सफल रहा। दोनों का सफर अलग-अलग है और दोनों अपने तरीके से चैंपियन हैं। गोपीचंद ने एक बार फिर कहा उन्होनें दोनों खिलाडि़यों को अपने बच्चे की तरह माना और तब बुरा लगा जब साइना ने प्रकाश पादुकोण अकादमी से जुड़ने के लिए उनकी अकादमी छोड़ दी थी।
उन्होंने कहा कि अगर मैं किसी को अपना छात्र बनाता हूं तो उसे अपने बच्चे जैसा मानता हूं। मुझे साइना के अकादमी छोड़ने से काफी पीड़ा हुई। मैं इससे दुखी था। फिर जब मैंने उसे ओलंपिक में देखा तो मुझे लगा कि उसके पास बहुत अच्छा मौका है और फिर मैंने उसे हारते हुए देखा।
गोपीचंद ने स्वीकार किया कि अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन संघ (बीडब्ल्यूएफ) के व्यस्त कार्यक्रम के कारण परेशानियां हो रही हैं, लेकिन इसके साथ ही उनका मानना है कि सिंधू जैसी खिलाड़ी को इसको लेकर शिकायत करने के बजाय इससे सामंजस्य बिठाना होगा। सिंधू ने पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, लेकिन वह कोई अन्य टूर्नामेंट नहीं जीत पाईं।
गोपीचंद ने कहा कि मेरा मानना है कि व्यस्त कार्यक्रम शीर्ष खिलाडि़यों के लिए समस्या रहा है, लेकिन यह मसला सभी खिलाडि़यों से जुड़ा है। शीर्ष खिलाड़ी होने के नाते यह उनका (सिंधू का) कर्तव्य है कि वह शिकायत किए बिना इससे सामंजस्य बिठाएं।