पहले दी कैंसर को मात, अब ओलंपिक में खेलेंगी जल परी रिकाको इकी
जापान की महिला तैराक ने पहले ब्लड कैंसर को मात दी और अब ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है जहां वे अपनी सरजमीं पर पदक जीतने उतरेंगी। महज 20 साल की उम्र में इस जल परी ने काफी कुछ देख लिया है।
नई दिल्ली,जागरण न्यूज नेटवर्क। दो साल पहले वह जिंदगी की जंग लड़ रही थी, उसकी खेल में वापसी की उम्मीदें कम होती जा रही थी, वह अपने शुरुआती करियर को खत्म होते देख रही थी, लेकिन कहते हैं ना हार नहीं मानने की जिद और कड़ी मेहनत इसका नतीजा जरूर देती है। यह उदाहरण पेश किया जापान की 20 साल की तैराक रिकाको इकी ने जो ब्लड कैंसर को हराने के बाद अब टोक्यो ओलंपिक में अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगी।
जापान की इस जल परी ने 20 साल की उम्र में ही एशियन गेम्स जैसे बड़े खेलों में छह स्वर्ण पदक जीत लिए थे, लेकिन कैंसर ने उनके शुरुआती करियर पर ही विराम लगाने की कोशिश की। हालांकि, उनके बुलंद हौसले और जुझारूपन ने उन्हें टोक्यो ओलंपिक का टिकट दिला दिया।
आंखों में थे आंसू
रिकाको ने रविवार को जापान की राष्ट्रीय चैंपियनशिप के जरिये टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। रिकाको ने टोक्यो ओलंपिक के लिए बने नए तैराकी स्थल में राष्ट्रीय चैंपियनशिप की 100 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में 57.77 सेकेंड का समय लिया। इससे वह मेडले रिले में क्वालीफाई करने में सफल रहीं। रेस के बाद उनकी आंखों में आंसू थे। वह पानी से निकलने के बाद बोल भी नहीं पा रही थीं।
इस बार नहीं था आत्मविश्वास
उन्होंने कहा, "मैं 100 मीटर स्पर्धा में जीत की उम्मीद नहीं कर रही थी। मैं पांच साल पहले ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान जितनी आत्मविश्वास से भरी थी, उतना इस बार नहीं थी। मुझे लगता है कि अगर आप दर्द से भी गुजर रहे हो तो आपकी कड़ी मेहनत का हमेशा आपको फल मिलता है।"
10 महीने अस्पताल में
इकी 10 महीने अस्पताल में भर्ती रही थीं और उन्होंने पिछले साल मार्च से अपना अभ्यास शुरू किया। उन्होंने कहा, "मैं वापसी करने के लिए अभ्यास कर रही थी और खुद से बोल रही थी कि मैं वापसी करूंगी।"
एक समय मरना चाहती थीं इकी
इकी ने कहा, "तैराकी ने मुझे सब कुछ दिया है, लेकिन यह चमत्कार ही है कि मैं जीवित हूं। एक समय मैं मरना चाहती थी। मुझे लगा कि इतना दर्द लेने से अच्छा है कि मुझे मर जाना चाहिए, लेकिन अब वापसी करके मुझे पछतावा होता है कि मैं उस समय ऐसी चीजें सोच रही थी। मैं बीमार थी और उस दौरान मैंने कई चीजों को याद किया। मैं अब जानती हूं कि मैं कहां खड़ी हूं। मुझे पता है कि मेरी जिंदगी अब कहां है।"
शिविर में बिगड़ी तबीयत
फरवरी 2019 में ऑस्ट्रेलिया में प्रशिक्षिण शिविर के दौरान इकी की तबीयत खराब हो गई थी और जांच के दौरान पता चला कि उन्हें रक्त कैंसर है। उन्होंने कहा, "अस्पताल में जब डॉक्टरों ने मुझसे कहा कि आपको रक्त कैंसर हुआ है तो मुझे इसके बारे में कुछ नहीं पता था। जब मेरी कीमोथेरेपी हुई तो मेरे सिर के सभी बाल चले गए थे और यह मेरे लिए कड़ा झटका था। मैं पूरी तरह से टूट गई थी। मैंने किसी से भी बात नहीं की। ना टीवी देखती थी और ना ही खाना खाता थी। मैं इस अनुभव को जिंदगी में दोबारा नहीं चाहती।"
नंबर गेम-
- 8 पदक एशियन गेम्स में जापानी तैराक रिकाको इकी ने अपने नाम किए हैं जिसमें छह स्वर्ण और दो रजत पदक शामिल हैं। उन्होंने यह सभी पदक 2018 जकार्ता एशियन गेम्स में जीते हैं। उन्होंने स्वर्ण पदक 50 मीटर फ्रीस्टाइल, 100 मीटर फ्रीस्टाइल, 50 मीटर बटरफ्लाई, 100 बटरफ्लाई, चार गुणा 100 मीटर फ्रीस्टाइल और चार गुणा 100 मीटर मेडले में अपने नाम किए हैं तो वहीं रजत पदक चार गुणा 200 मीटर फ्री स्टाइल और चार गुणा 100 मीटर मिक्स्ड मेडले में जीते थे
- 3 कांस्य पदक रिकाको इकी ने विश्व चैंपियनशिप में जीते हैं जबकि चार स्वर्ण उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में हासिल किए
- 5 स्वर्ण पदक जापानी तैराक इकी ने विश्व जूनियर चैंपियनशिप में जीते