रवींद्र अंडर-23 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचे, एक मेडल हुआ पक्का
22 साल के रवींद्र ने सीनियर यूरोपीयन चैंपियन अर्मेनिया के आर्सेन हारुतयुनान को 4-3 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया।
बुडापेस्ट, प्रेट्र। रवींद्र ने यहां 61 किग्रा वर्ग के फाइनल में जगह बनाकर अंडर-23 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भारत का पहला पदक पक्का किया। 22 साल के रवींद्र ने सीनियर यूरोपीयन चैंपियन अर्मेनिया के आर्सेन हारुतयुनान को 4-3 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। भारतीय कुश्ती महासंघ ने यह जानकारी दी। रवींद्र अगर फाइनल में जीत जाते हैं तो गोल्ड मेडल जीत लेंगे पर अगर वो ये मुकाबला हार भी जाते हैं तो उनका सिल्वर मेडल पक्का है। यानी दोनों परिस्थिति में रवींद्र का मेडल पक्क है। रवींद्र का पिछला मुकाबला आर्सेन के साथ काफी करीबी रही, लेकिन उन्होंने जीत हासिल की। हालांकि उनसे जीत का अंतर ज्यादा नहीं रहा और उन्हें कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ा। रवींद्र ने इस प्रतियोगिता में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और वो जिस तरह की फॉर्म में हैं उससे ऐसा लग रहा है कि वो गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब हो सकते हैं।
इससे पूर्व अपने पहले मुकाबले में रवींद्र ने हंगरी के मार्सेल बुदाई कोवाक्स को 12-1 से हराया था, जबकि क्वार्टर फाइनल में रूस के दिनिस्लाम ताखतोरोव को 11-0 से रौंदा था। साउथ एशियन गेम्स 2016 में स्वर्ण और 2014 में कैडेट एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले सोनीपत के इस पहलवान की नजरें अब अपने करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल करने पर टिकी हैं। फाइनल में उनका सामना किर्गिस्तान के उलुकबेक झोलदोशबेकोव से होगा।
दूसरी तरफ 74 किग्रा वर्ग में गौरव बालियान को रेपेचेज के जरिये पदक जीतने का मौका मिलेगा। उनका सामना अमेरिका के ब्रेडी गैरी बर्ज से होगा। बालियान ने शानदार शुरुआत करते हुए क्वालीफायर में यूक्रेन के ओलेकसांद्र व्यश्नियाक को 11-0 से रौंदा था। बालियान को हालांकि रूस के रजामबेक जामालोव के खिलाफ शिकस्त का सामना करना पड़ा। लेकिन, रूस के इस पहलवान के फाइनल में जगह बनाने पर भारतीय खिलाड़ी को पदक के लिए चुनौती पेश करने का एक और मौका मिला।