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रवि, बजरंग और दीपक को चयन ट्रायल में उतरना होगा, राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के ट्रायल के लिए फाइनल में नहीं मिलेगा सीधा प्रवेश

राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के लिए पुरुष वर्ग का चयन ट्रायल 17 मई को दिल्ली में और महिला वर्ग का 16 मई को लखनऊ में होगा। डब्ल्यूएफआइ के एक सूत्र ने कहा इस बार किसी को फाइनल में सीधे प्रवेश नहीं मिलेगा।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 06 May 2022 08:55 AM (IST)Updated: Fri, 06 May 2022 08:55 AM (IST)
रवि, बजरंग और दीपक को चयन ट्रायल में उतरना होगा, राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के ट्रायल के लिए फाइनल में नहीं मिलेगा सीधा प्रवेश
भारतीय पुरुष रेसलर बजरंग पूनिया (एपी फोटो)

योगेश शर्मा, नई दिल्ली। टोक्यो ओलिंपिक के रजत पदक विजेता रवि दहिया, कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया और एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले दीपक पूनिया को इस बार चयन ट्रायल में फाइनल में सीधा प्रवेश नहीं दिया जाएगा। राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के लिए इस बार होने वाले चयन ट्रायल में तीनों पहलवानों को सभी मैच जीतकर फाइनल तक पहुंचना होगा।

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मार्च में एशियाई चैंपियनशिप के हुए चयन ट्रायल में तीनों पहलवानों को उनके वर्गो में सीधा फाइनल में जगह देकर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआइ) को आलोचना का सामना करना पड़ा था जबकि अन्य पहलवान ड्रा के अनुसार अपने-अपने मैच जीतकर फाइनल में पहुंचे थे।

अब डब्ल्यूएफआइ ने एशियाई चैंपियनशिप के लिए ट्रायल में उदीयमान पहलवानों के बीच असंतोष को देखते हुए तीनों पहलवानों को अब सीधा फाइनल में प्रवेश नहीं देने का फैसला किया। उस ट्रायल में बजरंग को 65 किग्रा में एकमात्र मुकाबले में रोहित से कड़ी चुनौती मिली जबकि महासंघ के इस फैसले से खफा अमन ने 57 किग्रा फाइनल में रवि को वाकओवर दे दिया था। अमन और रवि दोनों छत्रसाल स्टेडियम में अभ्यास करते हैं। दीपक पूनिया (86 किग्रा) को फाइनल में सीधे प्रवेश मिला था जिसे बाकी पहलवानों ने अनुचित करार दिया।

राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के लिए पुरुष वर्ग का चयन ट्रायल 17 मई को दिल्ली में और महिला वर्ग का 16 मई को लखनऊ में होगा। डब्ल्यूएफआइ के एक सूत्र ने कहा, 'इस बार किसी को फाइनल में सीधे प्रवेश नहीं मिलेगा। सभी को ड्रा के जरिये आना होगा। हमें अभी तक किसी ने छूट देने का अनुरोध नहीं किया, लेकिन उन्हें फाइनल में सीधे प्रवेश नहीं मिलेगा।' हालांकि कुश्ती के पक्ष का मानना है कि तीनों स्टार पहलवानों को खास सुविधा देने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि वे लगातार पदक जीत रहे हैं और साथ ही उन्हें चोट से बचाने का काम भी महासंघ का ही है।


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