विश्व टूर फाइनल्स में पीवी सिंधू को मिला मुश्किल ड्रॉ, यामागुची से रहना होगा बचके
टूर्नामेंट में लगातार तीसरी बार दावेदारी पेश कर रही सिंधू का यामागुची के खिलाफ जीत-हार का 9-4 का रिकॉर्ड है।
ग्वांगझू (चीन), पीटीआइ। ओलंपिक रजत पदक विजेता भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू को बुधवार से शुरू हो रहे विश्व टूर फाइनल्स के महिला सिंगल्स में मुश्किल ड्रॉ मिला है जबकि टूर्नामेंट में पदार्पण कर रहे समीर वर्मा की कोशिश सिंगल्स वर्ग के नॉकआउट दौर में जगह बनाने की होगी।
पिछले साल दुबई में हुए इस टूर्नामेंट की उप विजेता रही सिंधू को गत चैंपियन जापान की अकाने यामागुची, विश्व नंबर एक चीनी ताइपे की ताइ जु यिंग और अमेरिका की बीवेन झांग के साथ ग्रुप-ए में रखा गया है। समीर ने पिछले महीने सैयद मोदी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में अपने खिताब का बचाव करते हुए इस टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया था। उनके ग्रुप में जापान के विश्व नंबर एक केंतो मोमोता, इंडोनेशिया के टामी सुगियार्तो और थाइलैंड के कांताफोन वानचारोइन हैं। दोनों ग्रुप से शीर्ष दो खिलाड़ी सेमीफाइनल में पहुंचेंगे जिसके बाद नॉकआउट दौर के मुकाबले होंगे।
टूर्नामेंट में लगातार तीसरी बार दावेदारी पेश कर रही सिंधू का यामागुची के खिलाफ जीत-हार का 9-4 का रिकॉर्ड है लेकिन इस सत्र में जापानी खिलाड़ी ने उन्हें पांच में से चार मुकाबलों में हराया है। हैदराबाद की 23 साल की इस खिलाड़ी के लिए एशियन गेम्स की चैंपियन ताइ जु यिंग की चुनौती से पार पाना काफी मुश्किल रहा है जिन्होंने सिंधू को पिछले छह मुकाबले में हराया है। सिंधू ने उन्हें पिछली बार 2016 रियो ओलंपिक में हराया था।
समीर के लिए चुनौती थोड़ी आसान है। सुगियार्तो और वानचारोइन के खिलाफ उनका रिकॉर्ड 1-1 का है। उनकी मुख्य चिंता मोमोता की चुनौती से पार पाना होगा। स्विस ओपन के बाद जापान का यह खिलाड़ी इस खेल की बड़ी ताकत के रूप में उभरा है। इस टूर्नामेंट को पहले सुपर सीरिज फाइनल के नाम से जाना जाता था जिसके लिए साइना नेहवाल सात बार क्वालीफाई करने में सफल रही। वह 2011 के सत्र के फाइनल में पहुंचीं थी।