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लोग स्वीकार करने लगे हैं कि खेल करियर विकल्प है- अखिल कुमार

अखिल कुमार ने कहा कि खेलो इंडिया की पहल की वजह से मैं देश में खेलों की समृद्ध संस्कृति विकसित होते हुए देख रहा हूं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 08:33 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 08:33 PM (IST)
लोग स्वीकार करने लगे हैं कि खेल करियर विकल्प है- अखिल कुमार
लोग स्वीकार करने लगे हैं कि खेल करियर विकल्प है- अखिल कुमार

(अखिल कुमार का कॉलम)

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खेलो इंडिया की पहल की वजह से मैं देश में खेलों की समृद्ध संस्कृति विकसित होते हुए देख रहा हूं। बावजूद इसके सबसे अहम यह है कि निचले स्तर से खेल संस्कृति विकसित की जाए। साल 2018 में नई दिल्ली में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स देखने के बाद मैं इस बात को जान गया था कि इससे भारतीय खेल काफी आगे जाएंगे। इसके बाद 2019 और 2020 के यूथ गेम्स में कई और प्रतिभाओं की पहचान की गई। अब खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स एथलीटों को उच्च स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर दे रहे हैं।

जब मैंने 1994 में मुक्केबाजी शुरू की थी तब खेलों को कुछ समर्थन तो मिलता था, लेकिन इसे करियर विकल्प के तौर पर नहीं देखा जाता था। मगर अब 2020 में अधिक घरों में खेलों पर चर्चा होती है। घरों में लोग खेलो इंडिया गेम्स की बातें करते हैं और खेलो इंडिया यूथ गेम्स में अपने बच्चों के प्रदर्शन का जिक्र करते हैं। इन खेलों से मिली सकारात्मकता खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भी पहुंच गई है। लोगों ने अब इस बात को स्वीकार करना शुरू कर दिया है कि खेल एक करियर विकल्प है और यह आजीविका का साधन भी हो सकता है। खेलो इंडिया स्कॉलरशिप की वजह से अभिभावकों की यह चिंता भी काफी हद तक दूर हो गई है कि उन्हें खेलों पर अधिक खर्च करना होगा।

मैं आपको हरियाणा पुलिस में अपनी वर्तमान भूमिका के जरिये एक उदाहरण पेश करना चाहता हूं। मेरी तैनाती गुरुग्राम में है, जहां मैं हर रोज यातायात नियमों का भरपूर उल्लंघन होते हुए देखता हूं। कई पढ़े-लिखे लोग अपनी कारें सही जगह पार्क नहीं करते हैं। वे जेब्रा कॉसिंग की जगह ट्रैफिक लाइट के पास जाकर रुकते हैं। साफतौर पर उन्होंने ड्राइविंग तो सीखी है, लेकिन नियमों का पालन करना नहीं। ठीक उसी तरह जब आप कोई भी खेल सीखना शुरू करते हैं, आपको शुरुआत से ही सही चीजें करने की जरूरत होती है। खेलो इंडिया गेम्स को जमीनी स्तर पर शुरू करके हम युवा एथलीटों को बेहतर तरीके से तैयार करने में सक्षम हुए हैं।

खेलो इंडिया योजना के तहत हजारों युवा एथलीटों की मदद की जा रही है। आने वाले सालों में भारत को इससे कई बेहतरीन एथलीट मिलेंगे जो भारत के ओलंपिक सपने को काफी आगे लेकर जा सकते हैं। यह भारत में समृद्ध खेल संस्कृति की शुरुआत है और मौजूदा खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स निश्चित रूप से इसे आगे ही लेकर जाएंगे।


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