भारत में एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में खेल सकते हैं पाकिस्तानी पहलवान, विदेश मंत्रालय भी राजी
Asian Wrestling Championship 2020 पाकिस्तान के पहलवान भारत में होने वाली एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में शामिल होने के लिए यहां आ सकते हैं।
नई दिल्ली, योगेश शर्मा। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआइ), खेल मंत्रालय और विदेश मंत्रालय यहां 18 से 23 फरवरी तक होने वाली एशियन कुश्ती चैंपियनशिप के लिए चीन और पाकिस्तान के पहलवानों को वीजा देने के लिए आश्वासन दे चुके हैं। पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते अच्छे नहीं हैं जबकि चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस के भय के बीच में भी चीनी पहलवानों को इस चैंपियनशिप में खेलने के लिए वीजा देने की तैयारी चल रही है। अगर पाकिस्तान के पहलवानों को वीजा मिल जाता है तो वह 29 साल बाद भारत में इस चैंपियनशिप में खेलने आएंगे।
पिछली बार पाकिस्तान इस चैंपियनशिप में दिल्ली में 1991 में खेला था। तब वह एक रजत पदक के साथ सबसे नीचे नौवें स्थान पर रहा था। भारत ओलंपिक चार्टर को निभाने के लिए दोनों पड़ोसी देशों के पहलवानों को वीजा देने की बात कर रहा है। भारत सरकार ने चीन के लोगों के लिए ई-वीजा की सुविधा निलंबित कर दी है क्योंकि कोरोना वायरस के फैलने का डर है। डब्ल्यूएफआइ को चैंपियनशिप के लिए चीन के 40 सदस्यीय मजबूत दल के आने की उम्मीद है।
चीन संघ ने लिखा पत्र : डब्ल्यूएफआइ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, 'मैं विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मिला और मुझे पूरी उम्मीद है कि कोई परेशानी नहीं आएगी। दोनों देशों के पहलवानों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि कोई समस्या नहीं होगी। ' चीन कुश्ती महासंघ (सीडब्ल्यूए) ने डब्ल्यूएफआइ को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि उनके पहलवानों की चैंपियनशिप में हिस्सा लेने में मदद की जाए। शरण ने कहा, 'चीन कुश्ती महासंघ ने आग्रह करते हुए हमें पत्र लिखा कि 40 पहलवानों का परीक्षण किया गया है और इनमें से कोई भी इस वायरस से ग्रस्त नहीं है। उन्हें अलग रखा गया है। सभी पहलवानों को भारत में भी अहतियाती कदमों से गुजरना होगा।'
प्रतिबंध के खतरे के कारण देंगे वीजा
डब्ल्यूएफआइ को कुश्ती की वैश्विक संस्था युनाइटेड विश्व कुश्ती (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) का भी पत्र मिला है जिसमें चेताया गया है कि किसी भी देश को प्रतिनिधित्व से दूर नहीं किया जाना चाहिए। अगर भारत वीजा देने से इन्कार करता है तो देश पर टूर्नामेंटों की मेजबानी से प्रतिबंध लगने का खतरा है। पिछले साल नई दिल्ली में प्रतियोगिता के लिए दो पाकिस्तानी निशानेबाजों को वीजा देने से इन्कार किए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) ने भविष्य में प्रतियोगिताओं की मेजबानी के लिए भारत के सभी आवेदनों को निलंबित कर दिया था। उन्होंने कहा, "जब हमें टूर्नामेंट का आवंटन किया गया था तो हमें उन्हें आश्वासन देना था कि हम किसी देश को प्रतिनिधित्व से नहीं रोकेंगे।"
केंद्रीय खेल मंत्री किरन रिजिजू ने कहा है, "यह एक संवेदनशील मुद्दा है लेकिन हमें अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की मेजबानी करनी होगी। हम ओलंपिक चार्टर का पालन करेंगे। चीन और पाकिस्तान के पहलवानों के वीजा में कोई परेशानी नहीं होगी।"