ट्रेनिंग शुरू करने को लेकर एनएसएफ जवाब देने में रहा विफल, आइएओ को हुई निराशा
कई राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) समयसीमा के भीतर जवाब देने में विफल रहे जिससे आइओए के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा निराश हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। कोविड-19 महामारी के बीच राष्ट्रीय शिविरों को दोबारा शुरू करने को लेकर भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) को मिली प्रतिक्रिया में खिलाडि़यों का दबदबा रहा लेकिन कई राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) समयसीमा के भीतर जवाब देने में विफल रहे जिससे आइओए के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा निराश हैं।
आइओए ने पांच मई को स्वीकार किया था कि मौजूदा लॉकडाउन के बीच खिलाडि़यों के प्रेरणा खोने का खतरा वास्तविक है और आउटडोर ट्रेनिंग कैसे दोबारा शुरू की जाए इसे लेकर खिलाडि़यों के अलावा कोचों और अन्य हितधारकों की प्रतिक्रिया मांगी थी। देश में आइओए से मान्यता प्राप्त लगभग 40 एनएसएफ और 35 राज्य ओलंपिक संघ हैं। इनमें से 18 ओलंपिक खेलों को 20 मई तक जवाब देने को कहा गया था लेकिन आइओए के अनुसार इनमें से सिर्फ सात ने समय सीमा से पहले जवाब दिया है जिसमें तीरंदाजी, हॉकी, रोइंग, स्क्वाश, वॉलीबॉल, भारोत्तोलन और याटिंग शामिल हैं।
बत्रा ने कहा, 'ओलंपिक में खेले जाने वाले खेलों में गंभीरता की कमी से निजी तौर पर निराश हूं जिन्हें 20 मई तक जवाब देना था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। मुझे उम्मीद है कि जो एनएसएफ और राज्य ओलंपिक संघ 30 मई तक जवाब देंगे वे इसे गंभीरता से ले रहे हैं और 20 मई की समयसीमा से चूकने वाले जल्द जवाब देंगे।' आइओए के पास अब तक जो 430 प्रतिक्रियाएं आई हैं उनमें 40 प्रतिशत से अधिक खिलाडि़यों की हैं। मैच अधिकारियों की प्रतिक्रिया 33 प्रतिशत से अधिक है जबकि खेल प्रशासकों और हाई परफोर्मेंस सहायक टीम की प्रतिक्रिया क्रमश: 14.9 और 7.9 प्रतिशत है।
आपको बता दें कि कोविड 19 महामारी की वजह से देश में लॉकडाउन का पहला चरण 23 मार्च से शुरू हुआ था और इसे चार चरणों में अब तक बढ़ाया जा चुका है। पहले तीन चरणों में किसी भी तरह के खेल गतिविधि को शूरू करने की इजाजत नहीं दी गई थी, लेकिन लॉकडाउन के चौथे चरण में खिलाड़ियों को विशेष निर्देश के साथ व्यक्तिगत ट्रेनिंग करने की इजाजत दे दी गई थी।