विनेश और बजरंग को खेल रत्न नहीं देने से कुश्ती जगत हुआ नाराज
बिश्नोई ने कहा कि पहलवान विनेश फौगाट से मंत्रालय ने स्वयं आवेदन मांगा था और उसका अवॉर्ड पर हक था लेकिन कुश्ती की अनदेखी की गई है।
गुरुग्राम, अनिल भारद्वाज। जकार्ता एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहलवान बजरंग पूनिया का दावा राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड का था लेकिन उन्हें अवॉर्ड नहीं देने से कुश्ती जगत के दिग्गजों ने अपना विरोध दर्ज कराया है।
लंदन ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने कहा कि सबसे ज्यादा अंक होने के बाद भी बजरंग को खेल रत्न नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि बजरंग के नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छह स्वर्ण, चार रजत और तीन कांस्य पदक हैं। वह लगातार देश को पदक दे रहा है।
विश्व चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स और एशियन चैंपियनशिप में पदक जीत चुके हैं। दत्त ने कहा कि जिन्हें अवॉर्ड मिला है उनका विरोध नहीं है लेकिन बजरंग को किन कारणों से अवॉर्ड से वंचित रखा गया है बताया जाना चाहिए। अगर समय पर अवॉर्ड देकर हौसला नहीं बढ़ाया जा सकता है तो खिलाड़ी को हौसला भी तोड़ने जैसा काम नहीं होना चाहिए।
वहीं द्रोणाचार्य अवार्डी कुश्ती प्रशिक्षक महावीर बिश्नोई ने कहा कि दुनिया में दूसरी रैंक हासिल कर चुके पहलवान को अवॉर्ड से वंचित रखना कौन सी समझदारी है। कुश्ती में लगातार बेहतर प्रदर्शन बरकरार रखना आसान नहीं है और बजरंग ने साबित किया है। जकार्ता में स्वर्ण पदक जीतने के बाद वह विश्व का नंबर एक रैं¨कग पर पहुंच चुका है।
बिश्नोई ने कहा कि पहलवान विनेश फौगाट से मंत्रालय ने स्वयं आवेदन मांगा था और उसका अवॉर्ड पर हक था लेकिन कुश्ती की अनदेखी की गई है। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती देश का नाम रोशन कर रही हैं और उसकी यू अनदेखी करना कुश्ती को नुकसान पहुंचाना है। अगले माह हंगरी में विश्व चैंपियनशिप खेली जानी है और पहलवानों के नियम पूरे होते हुए भी अवॉर्ड नहीं देना, खिलाड़ी को हताशा की तरफ धकेलना है।