नीरज चोपड़ा ट्रेनिंग के लिए क्यों गए हैं अमेरिका, कारण जानकर हैरान रह जाओगे
भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ट्रेनिंग करने के लिए अमेरिका चले गए हैं। टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद उनको बहुत कम समय अभ्यास के लिए मिला है और ऐसे में अब वे अपने टूर्नामेंट की तैयारियों में जुट गए हैं।
अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम। आज भारत और विदेश में प्रशिक्षण का कोई अंतर नहीं रहा। अमेरिका आने का कारण उत्तर भारत समेत पटियाला में बहुत सर्दी है और शादियों का सीजन है। परिवार-रिश्तेदारों और दोस्तों की तरफ से शादी समारोह के अनेक निमंत्रण मिल रहे है। शादियों में खाने पर भी नियंत्रण नहीं रहता। यही कारण है कि प्रशिक्षण के लिए अमेरिका आना पड़ा। ओलिंपिक में स्वर्ण पदक विजेता भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने अमेरिका से आनलाइन मीटिंग में चर्चा के दौरान ये सब बातें कहीं।
नीरज ने कहा कि टोक्यो से आने के बाद मेरा वजन 12-13 किग्रा बढ़ गया था। उसके बाद बीमार भी रहा, जिससे प्रशिक्षण रुका हुआ था। अब ग्राउंड पर लौटने के बाद प्रशिक्षण धीरे-धीरे बेहतर हो रहा है। यहां के आने के बाद पांच किग्रा वजन कम कर चुका हूं। अब अगले माह डायमंड लीग के मुकाबले हैं। इसमें खेलना या नहीं खेलना यह सब मेरी फिटनेस और प्रशिक्षक तय करेंगे। टोक्यो पदक के बाद अब आने वाली प्रतियोगिताओं में पदक जीतने को लेकर मैं दबाव में नहीं हूं। अब मेरा लक्ष्य भाले को 90 मीटर पार फेंकने का है और इसकी तैयारी कर रहा हूं।
बिना बेहतर तैयारी और फिटनेस के प्रतियोगिताओं में नहीं खेलना। नीरज ने कहा कि वर्ष 2022 में विश्व चैंपियनशिप, कामनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स खेले जाने हैं और यहां अच्छा प्रदर्शन करना चाहूंगा। आज कई देशों के जूनियर-सीनियर कई खिलाड़ी बेहतर खेल रहे हैं जो प्रतियोगिताओं में कड़ी टक्कर देंगे। मेरी कोशिश रहती है कि प्रतियोगिताओं में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करो और भूल जाओ। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेलने के लिए अभी कुछ तय नहीं है। फेडरेशन और प्रशिक्षक से चर्चा करके फैसला लूंगा।
नीरज ने आगे कहा कि भारत के जूनियर खिलाडि़यों को हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक मुकाबले देने होंगे। अब हम प्रशिक्षण के लिए नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने के लिए खेल रहे हैं। टोक्यो पदक के बाद भाला फेंक स्पर्धा में खिलाडि़यों की संख्या बढ़ी है। सरकार को भी अच्छी गुणवत्ता के भाले उपलब्ध कराने होंगे। मेरे जीवन का सबसे खुशी का पल टोक्यो ओलिंपिक में पदक जीतना है जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता।